


श्रीगंगानगर। 50 हजार रुपए मूल्य की नई बाइक को 15 हजार रुपए में मिलती देख एक प्राइवेट अध्यापक साइबर ठग के झांसे में फंस गया। अध्यापक ने साइबर ठग को एक सप्ताह में थोड़ा-थोड़ा करके 1 लाख 17 हजार रुपए दे दिए। इसके बावजूद बाइक डिलीवरी के नाम पर 48 हजार रुपए की मांग और हो जाने पर अध्यापक ने हाथ खड़े कर दिए। पीडि़त की रिपोर्ट पर साइबर सेल में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस निरीक्षक रामप्रताप वर्मा को जांच सौंपी गई है।
पीडि़त साहूवाला 3 एफ छोटी निवासी हरीश सारस्वत पुत्र जयनारायण शर्मा ने रिपोर्ट दी। इसमें बताया है कि उसने एक मार्च को इंस्टाग्राम पर आफिया अंसारी नाम से बनी आईडी पर एक मोटरसाइकिल आरजे 13 एसवी 1786 को सेल करने की एड देखी। इस बाइक की कीमत 16 हजार रुपए मांगी गई थी। पीडि़त ने इंस्टाग्राम पर बाइक की खरीद की इच्छा जताई तो आरोपी ने अपना मोबाइल नंबर भेज दिया। इस नंबर पर बात की तो सामने से व्यक्ति ने बात कर 15 हजार रुपए में बाइक का सौदा कर लिया। पीडि़त ने आरोपी को गूगल पे से 15 हजार रुपए की पेमेंट भेज दी। इसके बाद आरोपी के नाटक शुरू हो गए। उसने शिपिंग चार्ज तो कभी और चार्ज का कहकर बार-बार नकदी की मांग की। पीडि़त उसके झांसे में फंस गया और उसके बताए बैंक खातों में कई बार में 1 लाख 17850 रुपए नकदी डाल दी। इसके बाद भी आरोपी ने बाइक नहीं भेजी और धोखाधड़ी की।
ग्राहक की सजगता ही सर्वोपरि

फोर व्हीलर और टू व्हीलर के फोटो दिखाकर सौदे करने के नाम पर ठगी का यह ट्रेंड काफी वर्षों से चल रहा है। पाठकों को हमारा सुझाव हैं कि अगर कोई वस्तु वास्तविक मूल्य से काफी कम रेट में बेचे जाने का विज्ञापन देखें तो तुरंत समझ जाएं कि ये जालसाजी है। दूसरा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर भुगतान की गलती कभी न करें जब तक कि आपका पसंद किया गया उत्पाद आपके पास न आ गया हो। तीसरा किसी कॉलर या मोबाइल मैसेंजिंग पर अगर आपसे कोई एप डाउनलोड करने का कहे तो ऐसा बिलकुल नहीं करें। अगर कोई जीमेल, वाट्सएप या फेसबुक पर कोई लिंक भेजे तो ऐसे अनजान लिंक नहीं खोलें। क्योंकि इससे आपके बैंक अकाउंट की एक्सेस ठगों के पास चली जाती है और फिर आपके खाते में पड़े रुपयों को नुकसान होने लगता है।