


जयपुर। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन की दुकानों पर मिलने वाला गेहूं इस महीने से आधा ही मिलेगा। केन्द्र सरकार ने कोविडकाल में गेहूं के आवंटन का कोटा जो डबल किया था उसे खत्म कर दिया है। हालांकि लोगों के छोटी-सी राहत ये है कि लोगों को जो गेहूं राशन की दुकान से मिलेगा उसके लिए राशन डीलर को कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा यानी 2 रुपए किलोग्राम के हिसाब से अब भुगतान करना नहीं पड़ेगा। केन्द्र सरकार ने इस राशि को दिसंबर 2023 तक के लिए माफ कर दिया है।
दरअसल केन्द्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर 2022 में कैबिनेट की बैठक में ये फैसला किया था, जिसमें फ्री गेहूं को दिसंबर 2023 तक बढ़ाने का फैसला किया। लेकिन सरकार ने इस फैसले के साथ ही कोविडकाल में दिए गए अतिरिक्त कोटे को खत्म करने का निर्णय किया है। ऐसे में फरवरी यानी इस माह से राज्य में राशन की दुकानों पर लोगों को गेंहू दिसंबर-जनवरी की तुलना में आधा मात्रा में ही मिलेगा।
एक व्यक्ति को 5 किलोग्राम मिलेगा
केन्द्र सरकार एनएफएसए योजना के तहत चिह्नित व्यक्ति को हर महीने 5 किलोग्राम गेहूं रियायत दर पर देती है। कोविड काल (मार्च 2020) से पहले राशन का गेंहू 2 रुपए प्रति किलोग्राम मिलते थे। राशनकार्ड में जितने सदस्य जुड़े होते थे उनकी संख्या के हिसाब से (प्रत्येक व्यक्ति को 5 किलोग्राम) गेहूं मिलता था। लेकिन कोविड आने के बाद अप्रैल 2020 से केन्द्र सरकार ने इस गेंहू का कोटा बढ़ाकर डबल यानी 10 किलोग्राम कर दिया था। ये कोटा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत फ्री आवंटित किया गया।

बीपीएल को मिलता था 1 रुपए किलो गेंहू
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केन्द्र सरकार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत बीपीएल, स्टेट बीपीएल, आस्था कार्डधारी को 1 रुपए, जबकि एपीएल कैटेगरी के लोगों को 2 रुपए किलोग्राम के हिसाब से गेहूं दिया जाता है।