

जयपुर। राजस्थान की जेलों में असंतोष फैल रहा है। यह असंतोष है पगार को लेकर….।
जेल स्टाफ की सबसे बड़ी मांग है कि उनका वेतन राजस्थान पुलिस के वेतनमान के अनुसार चले, वे लोग पुलिस से भी ज्यादा जोखिम वाला काम करते हैं। यह बात राजस्थान जेल विभाग के बड़े अफसर भी अंदर ही अंदर मानते और जानते हैं, लेकिन उसके बाद भी ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा है। उपर से जेल के एक अफसर ने ऐसा तगड़ा आदेश दे दिया कि अब उनके खिलाफ भी गुस्सा फूट रहा है। इस बारे में जेल विभाग के अफसरों तक सूचनाएं पहुंचाई जा रही है, लेकिन अभी तक किसी अफसर या जेल मंत्री का बयान सामने नहीं आया है।
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जेल कार्मिकों ने बताया कि राजस्थान की सवा सौ से भी ज्यादा जेलों में करीब पांच हजार जेल स्टाफ है। उनकी सिर्फ एक ही मांग है करीब पच्चीस साल से कि जो भी वेतनमान या भत्ते दिए जाएं वह राजस्थान पुलिस के अनुसार दिए जाए।
जिस तरह से राजस्थान पुलिस के सिपाही से लेकर आईपीएस अफसर तक को वेतन और भत्ते दिए जाते हैं उसी तरह से वेतन और भत्तें जेल स्टाफ को भी मिले। सरकार भी इस बारे में कई बार अपनी सहमति दे चुकी है। आखिरी बार साल 2017 में सहमति बनी थी और जेल विभाग एवं सरकार के अफसरों के बीच दस्तावेज भी साइन हुए थे कि एक महीने के दौरान वेतन को लेकर चल रही विसंगति दूर कर दी जाएगी…..। लेकिन इसे पांच साल का समय गुजर गया, अभी तक कुछ नहीं हो सका।
जेल कार्मिकों ने बताया कि राजस्थान सरकार का ही एक विभाग है जेल विभाग, लेकिन सरकार या अफसरों के स्तर पर कहीं न कहीं कोई परेशानी पैदा कर रहा हैं। कार्मिकों ने बताया कि राजस्थान पुलिस के साथ ही, आरएएसी और दूर संचार स्टाफ को भी सभी एक सी सुविधांए दी जाती हैं, लेकिन जेल वालों को छोड़ दिया जाता है।