


जयपुर। भाजपा में अब भी सबकुछ ठीकठाक नहीं हो पाया है। गुटबाजी हावी है और जनाक्रोश यात्रा में इसका कई जगहों पर असर भी देखने को मिला है। इसकी गुटबाजी का असर है कि पूर्वमंत्री देवीसिंह भाटी, सुरेंद्र गोयल और सुभाष महरिया की एंट्री अटक गई है। दरअसल पिछले दिनों पूर्व मंत्री राजकुमार रिणवां की भाजपा में एंट्री हुई थी, तब माना जा रहा था कि इन तीनों नेताओं को भी एंट्री मिल जाएगी, लेकिन पार्टी में नेताओं की एंट्री के नाम पर बनी समिति से अप्रूवल नहीं मिलने की वजह से इन नेताओं की अभी तक एंट्री नहीं हो पाई है। इस कमेटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और विधायक वासुदेव देवनानी शामिल हैं।
गौरतलब है कि सुरेंद्र गोयल भी पार्टी में दोबारा शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं। पांच बार के विधायक और राजे कैबिनेट में मंत्री थे। उन्होंने 2018 में टिकट नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ दी। 2019 में वे अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए। इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया तीन बार सांसद थे और वाजपेयी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री भी थे। वहीं देवीसिंह भाटी भी सात बार विधायक रहने के साथ भैरोसिंह शेखावत सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
तीनों वसुंधरा राजे के नजदीकी
तीनों ही नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नजदीकी हैं। पिछले दिनों राजे के बीकानेर दौरे की कमान भी भाटी ने संभाली थी। तब से यही चर्चा थी कि भाटी की जल्द ही भाजपा में वापसी होगी, लेकिन उससे पहले ही पार्टी ने एक कमेटी का गठन कर दिया। जिसमें अर्जुनराम मेघवाल और वासुदेव देवनानी शामिल हैं। भाटी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ दी थी। भाजपा ने अर्जुन राम मेघवाल (केंद्रीय मंत्री) को टिकट दे दिया था और भाटी ने कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन भी किया था।
इनकी हो चुकी है एंट्री
पूर्व विधायक घनश्याम तिवाड़ी, किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व मंत्री हेमसिंह भड़ाना के साथ इसी साल सितंबर और अगस्त में लक्ष्मीनारायण दवे और विजय बंसल पार्टी में शामिल हुए हैं। साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह ने भी भाजपा का दामन थामा। नवंबर में ही राजकुमार रिणवां और जयदीप डूडी भी भाजपा में शामिल हुए थे।
