


जयपुर। निवारू रोड निवासी उज्जवल बोहरा ने ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। प्रमाण पत्र पर बचपन की फोटो लगी थी, जबकि उसने आवेदन में लेटेस्ट फोटो दी थी। यह परेशानी उज्जवल की ही नहीं, बल्कि कई आवेदकों की है, जिनके प्रमाण पत्र पर पुरानी फोटो है। सरकार ने जब से ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र में जनाधार का डेटा लेने का प्रावधान किया है, तभी परेशानी हुई है। विप्र फाउंडेशन के संयोजक दीपेंद्र शर्मा का कहना है कि सरकार को खामियों को दूर करने को लेकर गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।
आवेदन में कमी की नहीं मिल पाती है सूचना
कलेक्ट्रेट में दो स्तरों पर ऑनलाइन आवेदन की जांच होती है। कमी की सूचना ई-मित्र संचालक के पास जाती है। आवेदक के पास सूचना जाने का प्रावधान नहीं है। कमी की सूचना आवेदक को देने की भी व्यवस्था करनी चाहिए।
आवेदन के दौरान ऐसे बरतें सावधानी, वरना मुसीबत तय है
ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र बनवाने से पहले जनाधार कार्ड में डिटेल और फोटो अपडेट करा लें। अन्यथा ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र पुरानी डिटेल के आधार पर बन गया तो करेक्शन के लिए परेशान होना पड़ेगा। दूसरी ओर, जनाधार में बचपन की फोटो है तो प्रमाण पत्र पर वही फोटो आएगी। भर्ती में चयन हो गया और सत्यापन में प्रमाण पत्र पर पुरानी फोटो देखकर फर्जी होने का संदेह हो सकता है। उसने जांचने वाले ने आवेदन को रिजेक्ट कर दिया तो चयन के बाद मुसीबत खड़ी हो जाएगी। इसलिए आवेदन के दौरान और प्रमाणपत्र में हुई गलतियों को तत्काल ठीक करा लेना चाहिए।
