श्रीगंगानगर जिले में पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े एक बड़े रंगदारी रैकेट का पर्दाफाश किया है। कार्रवाई के दौरान जोधपुर से लाई जा रही 91 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई, जबकि राजस्थान और पंजाब से जुड़े सात आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते कई जिलों और राज्यों की पुलिस टीमें संयुक्त रूप से जांच में जुटी हुई हैं।
जोधपुर से रायसिंहनगर तक पहुंचाई जा रही थी रकम
पुलिस जांच में सामने आया है कि जोधपुर में एक व्यापारी वर्ग से करीब एक करोड़ रुपये की रंगदारी वसूली गई थी। यह रकम रायसिंहनगर क्षेत्र तक पहुंचाने के लिए तीन युवकों को लगाया गया था, जो लग्जरी कार से यात्रा कर रहे थे। पुलिस ने समय रहते वाहन को रोककर तलाशी ली और उसमें से 91 लाख रुपये नकद बरामद किए। पूछताछ में सामने आया कि ये युवक केवल रकम पहुंचाने का काम कर रहे थे।
बिचौलियों के जरिए चल रहा था नेटवर्क
जांच एजेंसियों के अनुसार, रंगदारी की रकम कई हाथों से गुजरते हुए आगे भेजी जानी थी। बीच में एक बिचौलिए ने करीब नौ लाख रुपये निकाल लिए थे और जोधपुर क्षेत्र में ही उतर गया था। बाकी रकम रायसिंहनगर के पास एक गांव में सौंपकर पंजाब भेजने की योजना थी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने पूरी साजिश को नाकाम कर दिया।
शेंटी के लिए लाई जा रही थी रकम
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि यह रकम लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े शेंटी नामक गुर्गे तक पहुंचाई जानी थी। तीनों युवकों की गिरफ्तारी के बाद शेंटी फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में अलग से टीमें गठित कर चुकी है।
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जोधपुर से दो भाइयों की गिरफ्तारी
रंगदारी की रकम वसूलने में जोधपुर के जयपाल जांदू और जयमल जांदू की भूमिका सामने आई है। जोधपुर पुलिस ने दोनों भाइयों को हिरासत में लेकर रायसिंहनगर थाने पहुंचाया, जहां पहले से पकड़े गए आरोपियों से उनकी पहचान कराई गई। पुलिस का कहना है कि दोनों के संपर्क फाजिल्का और चंडीगढ़ में बैठे गैंग के सदस्यों से थे।
राजस्थान से पंजाब तक फैला गिरोह
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस गिरोह का नेटवर्क श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, बीकानेर और जयपुर के अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और मुंबई तक फैला हुआ है। रंगदारी की धमकियां कई मामलों में विदेश में बैठे लोगों के जरिए दिलवाई जा रही थीं, जिससे पीड़ितों में भय का माहौल बना हुआ था।
थाने में आम लोगों की एंट्री रोकी गई
मामले की गंभीरता को देखते हुए रायसिंहनगर थाने में आम लोगों की आवाजाही पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। थाने पर आने वाले फरियादियों की शिकायतें बाहर ही सुनी जा रही हैं। जांच के लिए श्रीगंगानगर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सीओ सिटी, एएसपी समेत जोधपुर, हनुमानगढ़ और बीकानेर के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।
पहले भी सामने आ चुके हैं लिंक
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले महीने पंजाब के लुधियाना में हुई कार्रवाई के दौरान पकड़े गए कुछ आरोपियों के तार भी इसी गैंग से जुड़े पाए गए थे। वे पाकिस्तान स्थित हैंडलर के निर्देश पर काम कर रहे थे और पंजाब में दहशत फैलाने की साजिशों में शामिल थे। इन कड़ियों को मौजूदा मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।
सात साल से सक्रिय है गैंग
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ अंचल में लॉरेंस बिश्नोई गैंग और इससे जुड़े अन्य गुट पिछले करीब सात वर्षों से सक्रिय बताए जा रहे हैं। जॉर्डन हत्याकांड के बाद से इनकी गतिविधियों में तेजी आई और व्यापारियों, कॉलोनाइजरों, डॉक्टरों व अन्य पेशेवरों से रंगदारी वसूली की घटनाएं बढ़ती चली गईं।
संगठित अपराध कानून में एफआईआर
पुलिस ने पुष्टि की है कि इस प्रकरण में संगठित अपराध कानून के तहत एफआईआर दर्ज की जा रही है। कुछ अहम कड़ियों पर अभी जांच चल रही है। पूरे मामले का आधिकारिक खुलासा बुधवार दोपहर बाद किया जाएगा।

