जयपुर: राजस्थान में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ाने और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) सिस्टम में अहम बदलाव किए हैं। नई गाइडलाइन के तहत अब आवेदन प्रक्रिया को पहले से ज्यादा सख्त कर दिया गया है और नियमों की अनदेखी करने पर अभ्यर्थियों को डिबार भी किया जा सकता है।
बोर्ड की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, अब केवल फॉर्म भरना ही काफी नहीं होगा, बल्कि शैक्षणिक और अन्य जरूरी दस्तावेज आवेदन के शुरुआती चरण में ही अपलोड करने होंगे। RSSB का मानना है कि इससे गलत जानकारी और फर्जी प्रमाण पत्रों के मामलों पर समय रहते रोक लग सकेगी।
आवेदन के साथ ही देनी होगी शैक्षणिक जानकारी
नई व्यवस्था के अनुसार, किसी भी भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करते समय अभ्यर्थियों को अपनी मार्कशीट, डिग्री और अन्य आवश्यक प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। OTR प्रक्रिया के दौरान भी यह अनिवार्य कर दिया गया है। जिन उम्मीदवारों ने पहले OTR तो कर लिया था, लेकिन दस्तावेज अपलोड नहीं किए थे, उन्हें अब आवेदन से पहले यह काम पूरा करना होगा।
जैसे ही ऐसे अभ्यर्थी भर्ती फॉर्म भरने के लिए लॉगिन करेंगे, सिस्टम उन्हें सीधे OTR डॉक्यूमेंट डिटेल पेज पर भेज देगा। जब तक सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड नहीं होंगे, आवेदन आगे नहीं बढ़ पाएगा।
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डिजिलॉकर से सीधे दस्तावेज अपलोड करने का विकल्प
RSSB ने प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डिजिलॉकर की सुविधा भी जोड़ी है। अभ्यर्थी आवेदन पेज से ही डिजिलॉकर को एक्सेस कर सकते हैं। अनुमति देने पर सिस्टम वहां उपलब्ध दस्तावेज खुद ही ले लेगा। यदि कोई दस्तावेज डिजिलॉकर में मौजूद नहीं है, तो उसे मैनुअल रूप से अपलोड किया जा सकेगा।
अपीयरिंग उम्मीदवारों के लिए अलग व्यवस्था
जो अभ्यर्थी अभी अपनी योग्यता पूरी कर रहे हैं और अपीयरिंग कैटेगरी में आते हैं, उनके लिए भी स्पष्ट नियम तय किए गए हैं। उन्हें पिछले वर्ष की मार्कशीट या संबंधित साक्ष्य अपलोड करना होगा। यदि कोर्स में प्रवेश ले लिया गया है, तो प्रवेश शुल्क की रसीद मान्य होगी। प्रवेश न लेने की स्थिति में नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, जिसमें परीक्षा से पहले योग्यता पूरी करने की घोषणा करनी होगी।
गलत और एडिटेड दस्तावेजों पर सख्त कार्रवाई
बोर्ड ने साफ कर दिया है कि धुंधले, टेढ़े-मेढ़े, वाटरमार्क वाले या किसी ऑनलाइन टूल से एडिट किए गए दस्तावेज स्वीकार नहीं किए जाएंगे। ऐसे मामलों में अभ्यर्थी को अपात्र घोषित किया जा सकता है और भविष्य की परीक्षाओं से डिबार भी किया जा सकता है।

