बॉलीवुड के महान अभिनेता धर्मेंद्र का सोमवार दोपहर निधन हो गया। 89 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे धर्मेंद्र की मृत्यु की खबर सामने आते ही फिल्म जगत और देशभर में शोक की लहर दौड़ पड़ी। राजस्थान में भी उनके प्रशंसकों ने भावुक होकर श्रद्धांजलि अर्पित की, क्योंकि इस प्रदेश से धर्मेंद्र का एक विशेष और भावनात्मक संबंध रहा है।
राजस्थान और बीकानेर से धर्मेंद्र का गहरा नाता
धर्मेंद्र न केवल भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित कलाकारों में से एक थे, बल्कि वे राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके थे। वर्ष 2004 से 2009 तक वे बीकानेर से सांसद रहे।
2004 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें बीकानेर सीट से उम्मीदवार बनाया और धर्मेंद्र ने कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी को 57,175 मतों से हराकर सभी को चौंका दिया था। विशेष बात यह थी कि बीकानेर पूर्व और पश्चिम विधानसभा क्षेत्रों में उन्हें भारी बढ़त मिली, जिसने उनकी जीत सुनिश्चित की।
राजस्थान से भावनात्मक जुड़ाव
भले ही धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था, लेकिन उनकी परिवारिक जड़ें राजस्थान के झुंझुनूं जिले से जुड़ी मानी जाती हैं। वह अक्सर interviews में कहते थे कि राजस्थान की मिट्टी, यहां के लोग और यहां की संस्कृति से उनका विशेष लगाव है।
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राजस्थान की धरती पर फिल्मों की चमक
धर्मेंद्र की कई फिल्मों की शूटिंग राजस्थान में हुई, जिससे उनका रिश्ता और मजबूत होता गया।
इनमें शामिल हैं:
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शोले के कुछ दृश्य, जोधपुर के आसपास
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धरम वीर, जो जयपुर और जोधपुर के किलों में फिल्माई गई
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बागी, लोहे और फूल और पत्थर के कई हिस्से राजस्थान की लोकेशंस पर
इन फिल्मों ने न सिर्फ दर्शकों को मनोरंजन दिया, बल्कि राजस्थान की संस्कृति और भव्यता को भी बड़े पर्दे पर उकेरा।
राजस्थान में मिला सम्मान और प्यार
धर्मेंद्र को प्रदेश में विभिन्न सांस्कृतिक और फिल्मी सम्मान मिले।
उन्हें राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
उनकी सादगी, शिष्टता और जमीन से जुड़े व्यक्तित्व ने राजस्थान सहित पूरे भारत में लोगों का दिल जीता।
अंतिम शब्द
धर्मेंद्र का निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
उन्होंने अभिनय की एक ऐसी विरासत छोड़ी है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
राजस्थान, विशेषकर बीकानेर, हमेशा उन्हें अपने एक गौरवशाली प्रतिनिधि के रूप में याद रखेगा।
