संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीबीएम में लगातार बढ़ती अव्यवस्था, चोरी और मरीजों के परिजनों के साथ होने वाली जेबकटी की घटनाओं ने अस्पताल प्रबंधन को कड़े कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। अब हॉस्पिटल की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक उन्नत सेंट्रलाइज्ड सीसीटीवी एक्सेस सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से पूरे कैंपस की निगरानी एक ही कंट्रोल रूम से की जाएगी।
मरदाना विंग में इसके लिए एक आधुनिक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां बड़ी स्क्रीन पर अस्पताल के प्रत्येक हिस्से की लाइव फुटेज देखी जा सकेगी। अभी अस्पताल परिसर में 34 स्थानों पर कुल 239 कैमरे सक्रिय हैं, जिनकी मॉनिटरिंग भी इसी कंट्रोल रूम से की जाएगी।
सुरक्षा को और सुदृढ़ करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने 150 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। इनमें से कुछ कैमरे नई लोकेशन पर लगाए जाएंगे, जबकि कई पुराने कैमरों को हटाकर हाई-क्वालिटी कैमरे लगाए जाएंगे।
कंट्रोल रूम में चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित करने के लिए तीन शिफ्टों में गार्ड नियुक्त किए जाएंगे। किसी भी संदिग्ध गतिविधि, विवाद या घटना की स्थिति में सुरक्षा कर्मी तुरंत पीबीएम अधीक्षक, नोडल अधिकारी और पुलिस चौकी को सूचना देंगे।
- Advertisement -
इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसाइटी के तहत 25 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। पूर्व में प्रशासनिक लापरवाही के चलते यह योजना ठंडी पड़ी हुई थी, लेकिन अधीक्षक का पदभार संभालने के बाद डॉ. बी.सी. घीया ने इस मामले में गंभीरता दिखाई और प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
अस्पताल प्रबंधन का मानना है कि नई निगरानी व्यवस्था से चोरी, जेबकटी और मारपीट जैसी घटनाओं में कमी आएगी और मरीजों के लिए अधिक सुरक्षित माहौल तैयार होगा।
