बीकानेर संभाग में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर पिछले कुछ समय से बढ़ रहे तनाव ने सोमवार को नया मोड़ ले लिया। हनुमानगढ़ जिले के राठीखेड़ा स्थित चक 5 आरके क्षेत्र में फैक्ट्री स्थापना के विरोध में ग्रामीणों का चल रहा लंबे समय का धरना पुलिस कार्रवाई के बाद उग्र हो गया। करीब 15 महीनों से चल रहे इस विरोध को हटाने के लिए पुलिस ने बलपूर्वक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया, जिसके खिलाफ स्थानीय लोगों में नाराजगी बढ़ गई।
विधायक के नेतृत्व में सामूहिक गिरफ्तारी
पुलिस कार्रवाई के विरोध में संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनियां के नेतृत्व में 67 लोगों ने स्वयं को गिरफ्तार करवाया। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री से पर्यावरण और कृषि दोनों को नुकसान पहुंचेगा, इसी कारण वे लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं।
कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट बंद
क्षेत्र में बढ़ती भीड़ और संवेदनशील हालात को देखते हुए प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बीएनएस की धारा 163 (पूर्व में धारा 144) लागू कर दी। इसके साथ ही टिब्बी और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गईं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कदम किसी भी प्रकार की अफवाहों और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है।
टिब्बी क्षेत्र छावनी में तब्दील
मुख्य बाजार, प्रमुख सड़कों और फैक्ट्री स्थल के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। सुरक्षा व्यवस्था इतनी सख्त है कि पूरा क्षेत्र छावनी जैसा नजर आ रहा है। इस बीच प्रस्तावित फैक्ट्री स्थल पर निर्माण सामग्री पहुंचने लगी है, जिससे स्थानीय स्तर पर हलचल और अधिक बढ़ गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन विरोध के बावजूद निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
- Advertisement -
ग्रामीणों की मांग और प्रशासन की रणनीति
ग्रामीण फैक्ट्री का स्थानांतरित किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि यह परियोजना उनकी फसलों, जल स्रोतों और पशुपालन को प्रभावित करेगी। वहीं प्रशासन का कहना है कि परियोजना आवश्यक स्वीकृतियों के साथ आगे बढ़ रही है और सुरक्षा के मद्देनजर कड़े कदम उठाए गए हैं।
बीकानेर संभाग में यह मामला अब बड़ा विवाद बनता जा रहा है। पुलिस की कार्रवाई, राजनीतिक हस्तक्षेप और इंटरनेट बंद होने से स्थिति और गंभीर हो गई है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और ग्रामीणों के बीच समाधान की दिशा में कोई वार्ता आगे बढ़ती है या तनाव और गहराता है।
