बीकानेर। शहर में देसी घी के नाम पर चल रहे मिलावट के खेल ने स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के बाद सुर्खियां बटोरीं। सोमवार को बड़ा बाजार, फड़बाजार, केईएम रोड और कोटगेट क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की दो टीमों ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। इस कार्रवाई में कुल 310 किलो संदिग्ध घी जब्त किया गया और कई दुकानों से घी के नमूने जांच के लिए लिए गए।
सबसे बड़ी कार्रवाई: बड़ा बाजार
सबसे बड़ी कार्रवाई बड़ा बाजार स्थित सरदाणी घी भंडार पर हुई। यहां से दो सैंपल लिए गए और लगभग 180 किलो संदिग्ध घी सीज कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि सैंपल जांच के बाद तय किया जाएगा कि घी में किस प्रकार की मिलावट की गई है।
अन्य क्षेत्रों में कार्रवाई
फड़बाजार स्थित मनीष पारीक की दुकान से दो सैंपल लिए गए। वहीं, कोटगेट-सांखला फाटक के पास जगदंबा घी भंडार से तीसरा सैंपल लिया गया और यहां मौजूद 130 किलो संदिग्ध घी को जब्त कर सील किया गया। छापेमारी के दौरान एक अन्य व्यापारी टीम के आने से पहले ही दुकान से फरार हो गया। स्वास्थ्य विभाग ने उसकी गतिविधियों पर विशेष नजर रखनी शुरू कर दी है।
कार्रवाई का नेतृत्व
यह पूरी कार्रवाई मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. पुखराज साध के निर्देश पर की गई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रवण कुमार वर्मा, भानू प्रताप सिंह गहलोत, सुरेंद्र कुमार और राकेश गोदारा ने सैंपलिंग और जब्ती की प्रक्रिया पूरी की।
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मुनाफे के लिए स्वास्थ्य और आस्था से खिलवाड़
बीकानेर एक धार्मिक शहर है, जहां पूजा, दीपदान, भोग और प्रसाद में घी का व्यापक उपयोग होता है। मिलावट माफिया ने इसी आस्था को अपनी कमाई का जरिया बना लिया। अधिकारियों के अनुसार, 100 रुपए किलो के तेल में चर्बी मिलाकर 500-600 रुपए किलो का घी बनाकर बेचा जा रहा था। यह न केवल धार्मिक भावना का अपमान है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा है।
भविष्य की योजना
स्वास्थ्य विभाग ने शहर भर में मिलावट जांच अभियान को और तेज करने की योजना बनाई है। अधिकारी जनता से भी अनुरोध कर रहे हैं कि संदिग्ध घी या किसी अन्य खाद्य सामग्री की सूचना तुरंत स्थानीय अधिकारियों को दें।
