बीकानेर। सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन भले ही लगातार सख्त निर्देश जारी कर रहा हो, लेकिन श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में यह पूरा अभियान प्रभावशाली लोगों की मनमानी के आगे बौना साबित हो रहा है। हालात यह हैं कि प्रशासन के आदेश से लेकर नागरिक आचार संहिता तक की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और कानून-व्यवस्था पर दबंगई भारी पड़ती दिख रही है।
ब्लैक स्पॉट्स पर कार्रवाई, फिर भी बेअसर प्रयास
जिला प्रशासन ने एनएचएआई को बीकानेर–सीकर मार्ग पर बने सभी अवैध कट तत्काल बंद करने के निर्देश दिए थे। निर्देशों के तहत रविवार को एनएचएआई टीम ने श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में व्यापक कार्रवाई करते हुए 40 से अधिक ढाबा, होटल और ठेला संचालकों को नोटिस दिए तथा हाइवे से 30 मीटर की परिधि तक अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए।
टीम ने रुद्रा पेट्रोल पंप, आशीष पेट्रोल पंप और गणपति धर्मकांटा के पास मौजूद अवैध कटों को भी बंद किया। यह क्षेत्र गंभीर ब्लैक स्पॉट घोषित है, जहां कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन कटों को बंद करना यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।
रात में फिर खुल गए अवैध कट—दबंगों की करतूत
एनएचएआई की कार्रवाई के कुछ ही घंटों बाद, रात होते-होते दबंग तत्वों ने बंद कटों को दोबारा खोल दिया। इसे टीम सदस्यों ने खुलेआम कानून अवहेलना बताते हुए गंभीर चिंता व्यक्त की। स्थानीय स्तर पर यह इलाका पहले भी दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात रहा है, और ऐसे में अवैध कट खोलना सड़क सुरक्षा अभियान को ध्वस्त करने जैसा है।
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बार-बार शिकायतें, पर प्रभावशाली लोगों पर कार्रवाई का अभाव
अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी ऐसे मामलों में उपखंड प्रशासन और पुलिस को लिखित शिकायतें भेजी गई थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सोमवार को एनएचएआई टीम फिर से प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर श्रीडूंगरगढ़ और सेरुणा क्षेत्र में अवैध कट खोलने वालों—चाहे वे पेट्रोल पंप संचालक हों या स्थानीय दबंग—के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग रखेगी।
कानून के आगे रुतबा—सड़क सुरक्षा को झटका
अधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन खुद उन पर सड़क सुरक्षा अभियान को आगे बढ़ाने का दबाव बनाए हुए है, लेकिन कुछ प्रभावशाली लोगों की दबंगई पूरी मुहिम को कमजोर कर रही है। सड़क सुरक्षा जैसी संवेदनशील पहल इतने बड़े स्तर पर प्रभावित हो रही है, यह न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाता है बल्कि आमजन की जान के साथ भी सीधा खिलवाड़ है।
क्या कसेगी नकेल या अभियान होगा निष्प्रभावी?
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन अवैध कट खोलने वाले इन प्रभावशाली लोगों पर वास्तव में कार्रवाई कर पाता है या फिर सड़क सुरक्षा अभियान महज औपचारिकता बनकर रह जाएगा। आमजन और नियमित यात्रियों की नजरें अब प्रशासनिक प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
