राजस्थान के लाखों अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक भर्ती की नई अधिसूचना निराशा लेकर आई है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) ने हाल ही में लेवल-1 और लेवल-2 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन इसमें कई महत्वपूर्ण श्रेणियों के पद शामिल नहीं किए गए हैं। इसका सीधा असर उन उम्मीदवारों पर पड़ा है जिन्होंने वर्षों से बीएड और रीट पास कर शिक्षक बनने की तैयारी की थी।
कौन हुए भर्ती से बाहर
इस बार लेवल-2 शिक्षक भर्ती में सामान्य शिक्षा और विशेष शिक्षा दोनों ही वर्गों के लिए कोई पद नहीं निकाले गए हैं। इससे करीब 5 लाख बीएड धारक और रीट पास अभ्यर्थी, साथ ही लगभग 80 हजार विशेष शिक्षा डिग्रीधारी उम्मीदवार आवेदन से वंचित रह गए हैं। लंबे समय से भर्ती की तैयारी कर रहे इन उम्मीदवारों के सपनों पर फिलहाल विराम लग गया है।
पदों का ब्योरा
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लेवल-1 (प्राथमिक शिक्षक): 5636 पद
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सामान्य शिक्षा – 5000
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संस्कृत शिक्षा – 636
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लेवल-2 (उच्च प्राथमिक शिक्षक): 2123 पद
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सामान्य शिक्षा – 0
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विशेष शिक्षा – 0
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संस्कृत शिक्षा – 2123
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इस तरह, कुल पदों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम रखी गई है।
पदोन्नति विवाद से बढ़ी मुश्किल
शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति पिछले पांच वर्षों से लंबित है। सामान्यत: हर पांच साल में पदोन्नति प्रक्रिया पूरी होने से लगभग 30 हजार नए पद खाली हो जाते हैं। लेकिन पदोन्नति रुकने के कारण ये पद अब तक जारी नहीं किए गए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अदालत ने 24 सितंबर 2025 को दिए आदेश में सरकार को अतिरिक्त विषयों पर जवाब देने के निर्देश दिए थे, लेकिन छह सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिणामस्वरूप, भर्ती में नए पद शामिल नहीं हो पाए।
शिक्षकों और संगठनों की प्रतिक्रिया
राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा,
“यदि सरकार ने समय पर पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की होती तो लगभग 30 हजार नए पद खाली हो जाते। यह अब तक की सबसे कम पदों वाली भर्ती है, जिससे बेरोजगारों को भारी नुकसान हुआ है।”
वहीं, युवा हल्ला बोल संगठन की प्रदेशाध्यक्ष ईरा बोस ने कहा,
“बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थी बरसों से तैयारी कर रहे थे। सरकार को लेवल-2 में सामान्य शिक्षा के पद शामिल करने चाहिए थे। इससे लाखों युवाओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।”
बेरोजगारों की बढ़ी चिंता
राजस्थान में शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले लाखों उम्मीदवारों के लिए यह भर्ती अब अधूरी मानी जा रही है। पदोन्नति विवाद और पदों की कमी के चलते सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट करे और नए पद सृजित कर युवाओं को अवसर दे।
