नई दिल्ली/फरीदाबाद:
दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद जिले में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया है कि इस साजिश के केंद्र में डॉक्टर मुजम्मिल शकील नाम का व्यक्ति है, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला बताया जा रहा है। पुलिस ने उसके किराए के कमरे से 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट, दो राइफलें, तीन मैगजीन, कई टाइमर, बैटरियां और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की है।
डॉक्टर के ठिकाने से मिला बारूद का जखीरा
फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार ने बताया कि छापेमारी के दौरान जिस कमरे से यह विस्फोटक बरामद हुआ, वह शहर के एक आवासीय इलाके में किराए पर लिया गया था। डॉक्टर मुजम्मिल शकील फरीदाबाद की एक यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि उसने यह कमरा तीन महीने पहले किराए पर लिया था, और स्थानीय लोगों को बताया था कि वह पढ़ाई कर रहा डॉक्टर है।
पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि वह कम ही बाहर निकलता था, लेकिन कुछ अज्ञात लोग अक्सर उससे मिलने आते थे।
डॉक्टरों का आतंकी नेटवर्क
इस आतंकी नेटवर्क में डॉ. आदिल अहमद राठर और डॉ. मुजम्मिल शकील मुख्य आरोपी बताए जा रहे हैं। आदिल अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था, जबकि मुजम्मिल पुलवामा से ताल्लुक रखता है। दोनों के बीच संपर्क जैश-ए-मोहम्मद समर्थक नेटवर्क के जरिए हुआ था। जांच एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या इनके तार पाकिस्तान स्थित आतंक संगठनों से जुड़े हैं।
- Advertisement -
सहारनपुर से हुई साजिश की शुरुआत
यह मामला तब उजागर हुआ जब 7 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से डॉक्टर आदिल को गिरफ्तार किया। आदिल सहारनपुर के एक निजी अस्पताल में कार्यरत था। सीसीटीवी फुटेज में उसे जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाते हुए देखा गया था। पूछताछ में उसने मुजम्मिल शकील का नाम उजागर किया, जिसके बाद फरीदाबाद में छापा मारा गया और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ।
क्या है पुलिस की अब तक की जांच
फरीदाबाद पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मिली सामग्री को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि बरामद किया गया पदार्थ आरडीएक्स नहीं, बल्कि अमोनियम नाइट्रेट है, जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर विस्फोटक तैयार करने में किया जाता है।
फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार के अनुसार,
“आरोपियों का नेटवर्क जम्मू-कश्मीर से लेकर हरियाणा तक फैला हुआ है। फिलहाल दो डॉक्टर गिरफ्तार हैं और एक अन्य की तलाश की जा रही है।”
गुजरात एटीएस की समान कार्रवाई
इसी बीच, गुजरात एटीएस ने भी तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक एमबीबीएस डॉक्टर शामिल है। जांच में उसका आईएसआई से संपर्क होने के संकेत मिले हैं। एजेंसियां अब इन दोनों मामलों के बीच किसी संभावित समन्वय या साझा नेटवर्क की कड़ी तलाश रही हैं।
पुलवामा कनेक्शन से बढ़ी संवेदनशीलता
क्योंकि आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल शकील पुलवामा का निवासी है, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को अत्यधिक संवेदनशील मान रही हैं। पुलवामा पहले भी बड़े आतंकी हमलों का केंद्र रह चुका है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि आरोपी डॉक्टर देश के अलग-अलग हिस्सों में रासायनिक या विस्फोटक हमले की योजना बना रहे थे।
आगे की कार्रवाई
फरीदाबाद पुलिस ने फिलहाल मुजम्मिल शकील और आदिल अहमद दोनों को सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त टीम को सौंप दिया है। उनसे लगातार पूछताछ जारी है ताकि यह पता चल सके कि इस विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल कहां और कब किया जाना था।
