आरटीई योजना के तहत विद्यार्थियों का सत्यापन अनिवार्य, 20 नवंबर अंतिम तिथि तय
बीकानेर से शिक्षा विभाग से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है। राज्य शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि वे फीस पुनर्भरण (Fee Reimbursement) योजना के तहत अध्ययनरत विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन (Physical Verification) 20 नवंबर तक हर हाल में पूरा करें।
यह निर्देश शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए जारी किए गए हैं। आदेश के अनुसार, आरटीई (Right to Education Act) के अंतर्गत निजी स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति, नामांकन स्थिति और वास्तविक अध्ययन की पुष्टि अनिवार्य रूप से की जानी होगी।
सत्यापन के बाद ही जारी होगी फीस राशि
शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया है कि भौतिक सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही संबंधित विद्यालयों को आरटीई के तहत फीस की राशि जारी की जाएगी।
कई जिलों में पाया गया है कि कुछ विद्यालयों ने फर्जी नामांकन या अपूर्ण डाटा के आधार पर फीस पुनर्भरण की मांग की थी, जिसके चलते अब विभाग ने सख्ती अपनाई है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करने और सरकारी निधि के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।
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विद्यालयों को समयसीमा का पालन करने के निर्देश
निदेशक सीताराम जाट ने चेतावनी दी है कि जो भी स्कूल 20 नवंबर तक सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनके मामलों की फीस पुनर्भरण प्रक्रिया रोक दी जाएगी।
साथ ही, जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे संबंधित स्कूलों से रिपोर्ट एकत्र कर समय पर शिक्षा निदेशालय को भेजें।
पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में बड़ा कदम
आरटीई योजना के तहत भौतिक सत्यापन की यह प्रक्रिया राज्यभर में एक साथ संचालित की जा रही है। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे छात्रों के वास्तविक नामांकन की स्थिति स्पष्ट होगी और स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर भी नियंत्रण रखा जा सकेगा।
