दीपावली पर जुए की परंपरा पर लगाम, डूंगरगढ़ में पुलिस ने दबोचे सात जुआरी
राजस्थान के ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक, दीपावली के त्योहारी माहौल में जुए की गतिविधियां परंपरा और शगुन के नाम पर फिर से सक्रिय हो गई हैं। ताश के पत्ते, पासे और अन्य तरीके से होने वाला जुआ अब केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह एक गंभीर सामाजिक और कानूनी समस्या का रूप लेता जा रहा है।
हाल ही में बीकानेर के नयाशहर थाना क्षेत्र में थानाधिकारी कविता पूनियां के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में कई लोग जुआ खेलते पकड़े गए थे। अब इसी तरह की सख्त कार्रवाई डूंगरगढ़ पुलिस ने भी की है, जहां दीपावली की रात सात लोगों को जुए की महफिल से गिरफ्तार किया गया।
थानाधिकारी जितेन्द्र स्वामी की अगुवाई में हुई कार्रवाई
डूंगरगढ़ थानाधिकारी जितेन्द्र स्वामी के नेतृत्व में बीती रात को एक गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने जुए की सूचना वाली जगह पर छापा मारा। कार्रवाई के दौरान मौके से सात लोगों को रंगे हाथों जुआ खेलते हुए गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान इस प्रकार हुई:
विजयपाल, रामपाल, राहुल, किशन, रामदयाल, शरीफ, और हजारी। पुलिस ने इन लोगों के पास से करीब 30 हजार रुपये की नकद राशि भी जब्त की है, जो जुए में लगाए जा रहे थे।
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गंभीर हो रही है दीपावली पर जुए की प्रवृत्ति
त्योहारों का समय आपसी मेलजोल और उमंग-उत्सव का होता है, लेकिन कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि दीपावली जैसे पवित्र पर्व पर जुए की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है। इसे परंपरा या मनोरंजन का नाम देकर लोग कानून की अनदेखी कर रहे हैं।
वास्तव में, सार्वजनिक स्थानों या किसी भी गैर-कानूनी माध्यम से जुआ खेलना राजस्थान पब्लिक गैंबलिंग एक्ट के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। इसके बावजूद, दीपावली के आसपास के दिनों में यह चलन आम हो गया है, जिससे स्थानीय प्रशासन की चिंताएं भी बढ़ी हैं।
पुलिस प्रशासन ने जताई कड़ी निगरानी की मंशा
डूंगरगढ़ थानाधिकारी जितेन्द्र स्वामी ने कहा कि त्योहारी सीज़न में कानून व्यवस्था बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी तरह की गैर-कानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस अब अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ाएगी और जरूरत पड़ने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।