कर्नाटक: CM सिद्धारमैया के बेटे यतीन्द्र ने आरएसएस को बताया ‘तालिबान जैसा’, रजिस्ट्रेशन की उठाई मांग
कर्नाटक की राजनीति में उस समय गर्मी आ गई जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतीन्द्र सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर विवादास्पद टिप्पणी करते हुए उसकी तुलना तालिबान से कर दी। यतीन्द्र ने आरोप लगाया कि संघ देश में हिंदू धर्म की कट्टर विचारधारा को थोपने की कोशिश कर रहा है और यह लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है।
तालिबान जैसी सोच रखने वाला संगठन बताया आरएसएस को
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यतीन्द्र ने कहा,
“जिस तरह तालिबान इस्लाम के कठोर और एकपक्षीय रूप को समाज पर लागू करना चाहता है, उसी प्रकार RSS भी हिंदू धर्म के एक खास रूप को सब पर थोपना चाहता है। वे यह मानते हैं कि हिंदू धर्म को एक ही तरीके से माना और निभाया जाना चाहिए।”
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उन्होंने कहा कि जैसे तालिबान फरमान जारी कर इस्लाम को अपने तरीके से लागू करता है, वैसे ही संघ भी हिंदू धर्म को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है।
आरएसएस के रजिस्ट्रेशन की मांग, कानून के दायरे में लाने की बात
यतीन्द्र ने इस बात पर चिंता जताई कि संघ अब तक रजिस्टर्ड नहीं है, जिससे उसे कई कानूनी जिम्मेदारियों से छूट मिल जाती है। उन्होंने कहा:
“दिल्ली में उनकी बड़ी बिल्डिंग है, हजारों करोड़ रुपये का फंड है, फिर भी संघ एक पंजीकृत संस्था नहीं है। अगर वह इतना प्रभावशाली संगठन है तो उसे कानूनी रूप से रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए और नियमों के तहत काम करना चाहिए।”
भाजपा का पलटवार – कोई संघ पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता
यतीन्द्र के इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए संघ का समर्थन करते हुए कहा,
“RSS की राष्ट्रवादी और सामाजिक सुधारवादी विचारधारा हमेशा राष्ट्रविरोधी कांग्रेस की मानसिकता पर भारी पड़ेगी।”
भाजपा ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी संस्था या सरकार संघ पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती, क्योंकि वह देशहित में काम करती है और समाज के सभी वर्गों में उसकी पैठ है।
संघ की ओर से प्रतिक्रिया अभी शेष
फिलहाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से यतीन्द्र के इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता का यह बयान कर्नाटक की राजनीति में नए विवाद और वैचारिक टकराव को जन्म दे सकता है।