जयपुर गैस हादसा: टैंकर-ट्रक टक्कर से मची तबाही, चश्मदीदों ने सुनाया दिल दहला देने वाला मंजर
जयपुर-अजमेर हाइवे पर मंगलवार रात हुए भीषण अग्निकांड ने शहर को हिला कर रख दिया। सावरदा पुलिया के पास खड़े एलपीजी गैस सिलेंडर से भरे ट्रक और लाइट लिक्विड पैराफिन (LLP) से भरे टैंकर की टक्कर से आग का ऐसा तांडव मचा कि आसमान तक धुएं की लपटें उठती रहीं। धमाकों की गूंज से आसपास की जमीन तक कांप उठी और पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई।
रातभर दमकलकर्मी आग बुझाने में जुटे रहे। जबकि सुबह होते ही केमिकल के रिसाव ने स्थिति और तनावपूर्ण बना दी। टैंकर पर पहले बेंजीन होने की आशंका से दहशत फैल गई, लेकिन बाद में पता चला कि उसमें LLP भरा था, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली।
हादसे में जलकर मरे चालक की पहचान, परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़
इस दर्दनाक हादसे में जिंदा जलकर मौत का शिकार हुए टैंकर चालक की पहचान टोंक जिले के देवली के रहने वाले रामराज मीणा के रूप में हुई है। हादसे की सूचना मिलते ही उसके घर में मातम छा गया। पिता रामकिशन, मां रामकन्या, पत्नी चेना देवी और दोनों बेटों की आंखें नम हैं।
परिवार वालों ने बताया कि रामराज करीब 10 साल से भारी वाहन चला रहा था और 20 दिन पहले घर से निकला था। जाते वक्त उसने पत्नी से कहा था कि “दीपावली पर घर लौटूंगा”, लेकिन अब वो लौटेगा नहीं।
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एक चालक की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा, बचीं कई जानें
चश्मदीदों ने बताया कि जब हादसा हुआ, उस वक्त एक ढाबे पर करीब एक दर्जन लोग खाना खा रहे थे। उसी समय तेज रफ्तार टैंकर खड़े ट्रेलर से टकरा गया, जिससे आग लग गई। मौके पर मौजूद एक ट्रक चालक प्रेमशंकर मीणा ने तुरंत समझदारी दिखाई और अपना ट्रक आग से दूर ले गया, जिससे सैकड़ों सिलेंडर फटने से बच गए और दर्जनों लोगों की जान बच गई।
हालांकि दूसरा ट्रक चालक, जो खाना खा रहा था, आग की चपेट में आ गया और खुद को नहीं बचा सका।
धमाकों से थर्राया इलाका, हर ओर बिखरे सिलेंडर के टुकड़े
स्थानीय निवासी राजेश कुमार ने बताया कि हर धमाके के साथ जमीन हिल रही थी, सिलेंडर के टुकड़े कई मीटर दूर जाकर गिरे। होटल ग्राउंड में खड़े ट्रकों में आग फैलने से चारों ओर भय का माहौल बन गया। आसपास के ढाबों को तुरंत खाली कराया गया।
ट्रक में करीब 350 एलपीजी सिलेंडर लदे हुए थे, जिनमें से 230 सिलेंडर धमाके से फटकर बिखर गए।
हादसे के बाद हाईवे पर लगा लंबा जाम
हादसे के बाद रात 10:30 बजे अजमेर-जयपुर हाइवे को बंद कर दिया गया, जिससे दोनों ओर 10 से 15 किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम लग गया। करीब रात 3 बजे एक तरफ का रास्ता खोला गया, जबकि पूरी तरह ट्रैफिक सुबह 5 बजे सुचारु हुआ।
दर्ज हुआ मामला, कई सवाल अब भी अनुत्तरित
टैंकर में मारे गए चालक रामराज के खिलाफ ही गैस सिलेंडर ट्रक चालक प्रेमशंकर मीणा ने लापरवाही का मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट में कहा गया कि प्रेमशंकर नसीराबाद प्लांट से सिलेंडर भरकर जयपुर की ओर जा रहा था।
इस हादसे को लेकर अब भी कई सवाल उठ रहे हैं:
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क्या टैंकर चालक को नींद आ गई थी?
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क्या टैंकर ढाबे की ओर मोड़ने की कोशिश में था?
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ब्रेक फेल हुए या कोई तकनीकी खराबी थी?
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क्या आरटीओ की जांच से बचने के चक्कर में नियंत्रण खो गया?
LLP केमिकल का उपयोग और रिसाव की स्थिति
हादसे के वक्त टैंकर में 29 हजार लीटर LLP भरा हुआ था, जिसे मुंबई पोर्ट से हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित फैक्ट्री में ले जाया जा रहा था। केमिकल सप्लाई करने वाली फर्म के प्रतिनिधि पृथ्वीराज मौके पर पहुंचे और रिसाव को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा से नया टैंकर मंगवाया गया, जिसमें केमिकल को शिफ्ट किया गया।
जांच समिति गठित, पांच दिन में सौंपेगी रिपोर्ट
हादसे की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है। इसमें अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, एनएचएआई के परियोजना निदेशक, पुलिस उप अधीक्षक, और अन्य अधिकारी शामिल किए गए हैं। समिति को पांच दिनों में विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
निष्कर्ष: लापरवाही की एक चिंगारी ने उजाड़ा एक परिवार
जयपुर का यह हादसा केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि व्यवस्था में कई स्तरों पर चूक की निशानी है। एक लापरवाही ने जहां रामराज जैसे चालक की जान ले ली, वहीं प्रेमशंकर जैसे सतर्क चालक ने कई जिंदगियां बचाकर मिसाल पेश की।