आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के खिलाफ प्रदर्शन में बवाल, पुलिस पर पथराव और लाठीचार्ज के बाद मामला दर्ज
बीकानेर: मंगलवार को बीकानेर कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प, लाठीचार्ज और पथराव की घटनाओं के बाद मामला गरमा गया है।
पुलिस ने युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के दर्जनों नेताओं और 100-150 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
क्या था मामला?
आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के खिलाफ पिछले एक महीने से रामनिवास कूकणा के नेतृत्व में लोग धरने पर बैठे थे। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि अस्पताल के व्यवस्थापक डॉक्टर द्वारा मरीजों का शोषण किया जा रहा है और इलाज के नाम पर अनियमितताएं व जानलेवा लापरवाही बरती जा रही हैं।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अस्पताल अब चिकित्सा सेवा केंद्र नहीं, बल्कि “मौत का कुआं” बनता जा रहा है।
प्रमुख मांगें:
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अस्पताल के खिलाफ स्वतंत्र जांच करवाई जाए
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अस्पताल को तत्काल सीज किया जाए
विवाद कैसे भड़का?
7 अक्टूबर को दोपहर के बाद प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। जब दूसरे दौर की वार्ता शाम तक भी विफल रही, तो स्थिति बेकाबू हो गई।
प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे और पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इसी दौरान पथराव शुरू हो गया और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, यह हिंसा रामनिवास कूकणा द्वारा उकसाने के बाद शुरू हुई। प्रदर्शनकारियों ने बेरिकेड्स गिराए, सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त किया और कांस्टेबल सतीश, संजू, लक्ष्मण, तेजाराम सहित कई पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाई।
FIR में नामजद ये नेता
बीछवाल थाना पुलिस ने दर्ज एफआईआर में इन प्रमुख नेताओं को नामजद किया है:
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रामनिवास कूकणा (युवा कांग्रेस)
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हरिराम (NSUI अध्यक्ष)
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कृष्ण कुमार (पूर्व अध्यक्ष)
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आत्माराम (प्रधान प्रतिनिधि)
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राजेन्द्र मेघवाल, प्रफुल्ल हाटीला, लक्ष्मण गोदारा, बजरंग कूकणा, दिनेश, पंकज रिंटोड़, रोहित बाना, जय प्रकाश डूडी
साथ ही लगभग 100-150 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
पुलिस ने की तत्काल कार्रवाई, कई हिरासत में
पुलिस ने मौके पर ही कार्रवाई करते हुए एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया।
अब पूरे मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहते हुए भी कैसे हिंसक हो गया।
क्या कह रहे हैं प्रदर्शनकारी?
रामनिवास कूकणा का कहना है कि पुलिस ने बिना किसी चेतावनी के लाठीचार्ज किया और शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों को उकसाया गया।
उनका दावा है कि “हम सिर्फ जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार हमारी बात सुनने को तैयार नहीं थी।”
आगे क्या?
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मामले में सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल वीडियो की जांच की जा रही है
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प्रदर्शनकारियों पर लगे धारा 147, 148, 149, 332, 353, 427, 336 IPC के तहत कार्रवाई संभव
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अस्पताल प्रशासन की भूमिका की भी जांच की जाएगी
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जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं