बीकानेर की खुली जेल से बंदी फरार: सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, पुलिस ने शुरू की तलाश
बीकानेर (राजस्थान): बीकानेर के बीछवाल क्षेत्र स्थित खुला बंदी शिविर (ओपन जेल) से एक बंदी के फरार होने का मामला सामने आया है। यह घटना 7 अक्टूबर 2025 की शाम की है, जब जेल प्रशासन ने कैदियों की नियमित गिनती के दौरान एक बंदी को अनुपस्थित पाया।
फरार हुए बंदी की पहचान रूपसिंह पुत्र लुखरू, निवासी मध्यप्रदेश के रूप में की गई है। जेल प्रशासन द्वारा तुरंत मामले की जानकारी बीछवाल थाना पुलिस को दी गई, जिसके बाद आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और उसकी तलाश शुरू कर दी गई है।
कैसे हुआ फरार रूपसिंह?
खुला बंदी शिविर के मुख्य प्रहरी सुनील कुमार ने दर्ज करवाई रिपोर्ट में बताया कि 7 अक्टूबर की सायंकालीन बंदियों की हाजिरी के दौरान रूपसिंह गैरहाजिर पाया गया।
जेल परिसर में अन्य बंदियों की मदद से उसे ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन वह कहीं नहीं मिला।
जांच में स्पष्ट हुआ कि बंदी शिविर से चुपचाप फरार हो गया है। यह मामला अब न केवल सुरक्षा में चूक का संकेत देता है, बल्कि ओपन जेल व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है।
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खुली जेल: सुविधा या सुरक्षा में चूक?
खुली जेलों की व्यवस्था उन बंदियों के लिए होती है जिन्हें अच्छे आचरण के आधार पर कम सुरक्षा निगरानी में रखा जाता है।
ऐसी जेलों में बंदियों को सीमित स्वतंत्रता मिलती है और वे शिविर परिसर के भीतर कामकाज कर सकते हैं।
हालांकि इस तरह की घटनाएं इस व्यवस्था की कमियों और निगरानी तंत्र की कमजोरी को उजागर करती हैं।
पुलिस की कार्रवाई और अगला कदम
बीछवाल थाना पुलिस ने धारा 224 भारतीय दंड संहिता (जेल से भागने का प्रयास) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आसपास के क्षेत्रों में बंदी की तलाश शुरू कर दी गई है।
सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है और जेल परिसर की निगरानी व्यवस्था की पुनर्समीक्षा की जा रही है।
क्या पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं?
बीकानेर की खुली जेल में इस प्रकार की घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वर्तमान निगरानी व्यवस्था पर्याप्त है?
इससे पहले भी राजस्थान की विभिन्न जेलों से फरारी के छिटपुट मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन खुली जेल से भागना एक अलग चिंता का विषय है, क्योंकि यहां पर बंदियों को ज्यादा छूट दी जाती है।