बीकानेर में गौशालाओं के समर्थन में उबाल, 8 अक्टूबर को बड़े आंदोलन की रणनीति तय होगी
बीकानेर। बीकानेर जिले की गौशालाओं की दुर्दशा, लंबित अनुदान, जबरन थोपे गए सरकारी नियमों और गोचर भूमि अधिग्रहण के विरोध में गौशाला संघ द्वारा 8 अक्टूबर 2025 को दोपहर 11 बजे पुन्यानंद आश्रम (जैसलमेर रोड) पर एक विशाल बैठक का आयोजन किया जा रहा है।
इस बैठक में जिले के 235 गांवों की 240 गौशालाएं शामिल होंगी, जहां संघ के पदाधिकारी गौसेवा से जुड़ी चुनौतियों और भविष्य की रणनीति पर मंथन करेंगे।
11 महीने से नहीं मिला अनुदान, गौशालाएं आर्थिक संकट में
गौशाला संघ के महामंत्री निरंजन सोनी ने बताया कि सरकार द्वारा दिए जाने वाला अनुदान पिछले 11 महीनों से रुका हुआ है, जिससे गौशालाएं गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही हैं।
स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि कुछ गौशालाएं गौवंश को छोड़ने पर मजबूर हो गई हैं।
“गौशालाओं पर नई योजनाएं थोपकर, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। सरकार अनुदान तो नहीं दे रही, लेकिन शर्तें और दबाव लगातार बढ़ा रही है,” – निरंजन सोनी
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गोचर भूमि अधिग्रहण का कड़ा विरोध
गौ ग्राम सेवा संघ के महेंद्र सिंह लखासर ने बताया कि बीकानेर विकास प्राधिकरण द्वारा जिले के 188 गांवों और बीकानेर शहर की करीब 40,000 बीघा गोचर और ओरण भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जो गौवंश और जीव-जंतुओं के जीवन पर सीधा हमला है।
“सरकार यदि इस भूमि को बेचने की कोशिश करती है, तो यह गोचर की आत्मा पर कुठाराघात होगा। इस पर चुप नहीं बैठा जाएगा,” – महेंद्र सिंह लखासर
8 अक्टूबर को तय होगी आंदोलन की रूपरेखा
संघ का कहना है कि इस बैठक में राज्यव्यापी जन आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी, ताकि:
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गौशालाओं को समय पर अनुदान मिल सके
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गोचर भूमि की रक्षा की जा सके
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गौसेवा से जुड़े संगठनों का उत्पीड़न रोका जा सके
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सरकार के स्तर पर संवाद की पहल हो
संभावित निर्णय और मांगें
बैठक में जिन बिंदुओं पर निर्णय लिए जा सकते हैं, वे निम्न हैं:
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राज्य सरकार को अनुदान समय पर देने की समयबद्ध नीति लागू करने की मांग
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बीकानेर विकास प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे भूमि अधिग्रहण को रद्द करने की मांग
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गौशालाओं पर अवैध या अनावश्यक सरकारी दबाव को समाप्त करना
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जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से संवाद के लिए प्रतिनिधिमंडल का गठन