राजस्थान में साइबर ठगी का कहर: 9 महीने में ₹3.38 अरब की चपत, पुलिस की पकड़ कमजोर
राजस्थान में साइबर अपराधियों का नेटवर्क दिन-ब-दिन और घातक होता जा रहा है। साल 2025 की शुरुआत से लेकर 29 सितंबर तक साइबर हेल्पलाइन 1930 पर 1,02,189 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें ₹3.38 अरब रुपये से अधिक की ठगी सामने आई है। चिंताजनक बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में शिकायतें होने के बावजूद महज 265 एफआईआर ही दर्ज की गई हैं।
यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि राज्य में साइबर अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन पुलिस कार्रवाई उस अनुपात में नहीं हो पा रही है।
किन जिलों में कितनी शिकायतें दर्ज हुईं?
राज्यभर में दर्ज साइबर ठगी की शिकायतों की बात करें तो सबसे अधिक शिकायतें जयपुर कमिश्नरेट में दर्ज की गईं, जहां 20,485 शिकायतें सामने आईं। अन्य क्षेत्रों में प्राप्त शिकायतें इस प्रकार हैं:
| क्षेत्र | शिकायतें | एफआईआर |
|---|---|---|
| जयपुर रेंज | 18,628 | 53 |
| अजमेर रेंज | 12,543 | 45 |
| बीकानेर रेंज | 10,877 | 25 |
| जोधपुर रेंज | 10,212 | 05 |
| उदयपुर रेंज | 9,716 | 17 |
| कोटा रेंज | 7,564 | 29 |
| भरतपुर रेंज | 6,987 | 35 |
| जोधपुर कमिश्नरेट | 5,177 | 19 |
सिर्फ शिकायतें नहीं, मोबाइल सिम भी ठगों का हथियार
साइबर अपराधों में ठग फर्जी सिम कार्ड का जमकर उपयोग कर रहे हैं। पुलिस ने इस साल अब तक 91,465 सिम कार्ड ब्लॉक करवाए हैं, जिनमें:
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जयपुर रेंज ने सबसे अधिक – 72,758 सिम
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उदयपुर रेंज – 8,248 सिम
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भरतपुर रेंज – 4,258 सिम
साइबर ठग अलग-अलग नामों, दस्तावेजों और तकनीकी माध्यमों से मोबाइल नंबर एक्टिव कर, आम लोगों को जाल में फंसाते हैं।
रिफंड हुआ सिर्फ 2.21 करोड़ रुपए
राज्य पुलिस ने अपनी कार्रवाई के तहत अब तक कुल ठगी गई राशि में से ₹2.21 करोड़ से कुछ अधिक की रकम वापस दिलाई है। यह कुल ठगी गई राशि ₹338 करोड़ से बहुत ही छोटा हिस्सा (लगभग 0.65%) है, जो साइबर सुरक्षा तंत्र की कमजोरी को उजागर करता है।
जरूरत है जागरूकता और त्वरित कार्रवाई की
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शिकायतों की संख्या जितनी अधिक है, एफआईआर की संख्या उतनी ही कम है।
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कई बार लोग समय रहते 1930 पर कॉल कर देते हैं, लेकिन तकनीकी और प्रक्रियात्मक देरी के कारण पैसे वापस नहीं हो पाते।
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ठगी की घटनाएं फोन कॉल, एसएमएस, फर्जी लिंक, ऑनलाइन जॉब ऑफर, इंस्टेंट लोन ऐप्स और फर्जी हेल्पलाइन नंबरों के जरिए हो रही हैं


