बीकानेर का बेटा पढ़ाई करने गया था, लेकिन अब युद्ध के मैदान में जिंदगी की भीख मांग रहा है
बीकानेर के अरजनसर गांव से पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए अजय गोदारा की हालत इस वक्त किसी बंधक से कम नहीं है। एक भावुक वीडियो में उसने बताया है कि उसे जबरन यूक्रेनी सेना में भर्ती कर बॉर्डर पर भेज दिया गया, और अब वह मौत के साये में जीने को मजबूर है।
उसकी ये वीडियो अपील अब पूरे भारत में सनसनी फैला रही है—जहां एक ओर मां-बाप बेटे की सलामती के लिए दिन-रात दुआ कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत सरकार से सवाल उठ रहे हैं:
“हमारे पढ़ने गए बच्चे युद्ध में कैसे धकेले जा रहे हैं?”
किचन जॉब का झांसा देकर फंसा दिया युद्ध में
अजय ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा:
“मैं पढ़ाई और काम की तलाश में यूक्रेन आया था। कहा गया था कि किचन में काम मिलेगा, लेकिन अचानक एक दिन मुझे सेना की वर्दी पकड़ा दी गई और बॉर्डर पर भेज दिया गया। यहां हर तरफ बम गिर रहे हैं, गोलियां चल रही हैं, कोई सुरक्षा नहीं है। हम सिर्फ मरने का इंतजार कर रहे हैं।”
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उसने बताया कि उसके साथ संदीप, अंकित और विजय भी फंसे हुए हैं।
“एक साथी की जान जा चुकी है, हम तीनों की बारी कभी भी आ सकती है।”
वीडियो में गुहार: “मुझे निकाल लीजिए, मेरी जान बचा लीजिए”
वीडियो में अजय रोते हुए दिखाई दे रहा है। उसकी आंखों में डर साफ झलक रहा है।
“मैं भारत सरकार से हाथ जोड़कर विनती करता हूं… मुझे यहां से बाहर निकालिए। मैं पढ़ने आया था, बंदूक उठाने नहीं।”
परिवार में मातम जैसा माहौल, गांव में पसरा सन्नाटा
अजय के माता-पिता की हालत बेहद खराब है। मां बेसुध, पिता परेशान। परिजनों ने बताया,
“बेटा डॉक्टर बनने का सपना लेकर विदेश गया था। आज वह कह रहा है कि किसी भी वक्त मर सकता है। हमें कुछ समझ नहीं आ रहा। हमारी सरकार से बस इतनी मांग है—उसे घर ले आइए।”
गांव अरजनसर में भी अजय के लिए दुआओं का दौर जारी है। हर कोई उसकी सुरक्षित वापसी की उम्मीद लगाए बैठा है।
केवल अजय नहीं, और भी भारतीय फंसे, यह एक राष्ट्रीय संकट है
यह मामला केवल अजय गोदारा का नहीं है।
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उसके वीडियो में साफ कहा गया है कि और भी भारतीय छात्रों को यूक्रेन में जबरन सैन्य सेवा में शामिल किया जा रहा है।
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यह एक मानवाधिकार उल्लंघन है और भारत सरकार के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने योग्य मुद्दा बन चुका है।
बड़े सवाल जो अब हर भारतीय पूछ रहा है
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स्टडी वीजा पर गए छात्रों को किस नियम के तहत सेना में भर्ती किया जा रहा है?
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क्या भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों की स्थिति पर निगरानी कर रही है?
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क्यों इन छात्रों को कोई कानूनी या दूतावासी संरक्षण नहीं मिल रहा?
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अगर आज अजय है, तो कल कौन?
भारत सरकार के लिए अब इंतजार का वक्त नहीं
अजय गोदारा की वीडियो अपील केवल एक छात्र की पुकार नहीं, बल्कि पूरे भारत की आवाज है। विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मसले पर तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों की सुरक्षित वापसी की योजना तुरंत बनानी चाहिए।
निष्कर्ष: पढ़ाई की उम्मीद लेकर गया था, अब ताबूत की चिंता है
यह एक ऐसी ब्रेकिंग है जो हर भारतीय को झकझोरने वाली है।
अजय की तरह और कितने अजय विदेशों में बिना किसी कसूर के युद्ध में झोंक दिए गए हैं?
यह सवाल आज सिर्फ उसके गांव का नहीं, पूरे देश का है।