बीकानेर — स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले बीकानेर शहर में राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत एक भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन हुआ। गोकुल सर्किल से विवेक बाल निकेतन स्कूल तक लगभग एक किलोमीटर लंबा प्रतीकात्मक तिरंगा लहराया गया। आयोजन में हजारों लोगों की भागीदारी रही, जिनमें स्कूली छात्र, आम नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।
पूरे मार्ग पर फैला राष्ट्रभक्ति का रंग
तिरंगा जैसे-जैसे गोकुल सर्किल से आगे बढ़ा, लोगों में उत्साह और ऊर्जा का संचार होता गया। सड़क के दोनों ओर पहले से खड़े स्कूल स्टूडेंट्स ने जैसे ही तिरंगा उनके पास पहुंचा, उसे थाम लिया और पूरे मार्ग पर तिरंगा लहराता रहा। तिरंगे के साथ चलते हुए हर कोई गर्वित और भावुक नजर आया।
राष्ट्रगान के दौरान सन्नाटा और सम्मान
कार्यक्रम का सबसे भावनात्मक क्षण तब आया जब एक किलोमीटर क्षेत्र में एक साथ राष्ट्रगान “जन-गण-मन” गूंजा। पूरे इलाके में वाहनों की आवाजें थम गईं और एक गहरा सन्नाटा छा गया, जो राष्ट्र के प्रति सम्मान को दर्शा रहा था।
आयोजन की व्यवस्थाएं और विशेष अतिथि
इस आयोजन का नेतृत्व कर्मवान फाउंडेशन ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम एस बिट्टा (अध्यक्ष, एंटी टेररिस्ट फ्रंट) थे। उनके साथ विशिष्ट अतिथियों में जुगल किशोर ओझा (पुजारी बाबा), जुगल राठी (व्यापार मंडल अध्यक्ष), विजय आचार्य (पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष), भगवान सिंह मेड़तिया (युवा भाजपा नेता), अभिमन्यु सिंह राजवी, पंडित योगेश किराडू, और मनोज बजाज सहित कई गणमान्यजन शामिल थे।
- Advertisement -
प्रशासन की पुख्ता तैयारी
तिरंगा यात्रा को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात नियंत्रण की पुख्ता व्यवस्था की थी। पुलिस ने यात्रा मार्ग पर ट्रैफिक रोक दिया और व्यवस्था संभाली। कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न हुआ।
युवाओं को संदेश: तिरंगे की कीमत जानो
कर्मवान फाउंडेशन के सचिव संतोष पुरोहित ने बताया कि यह कार्यक्रम बीकानेर में लगातार चौथे वर्ष आयोजित हो रहा है। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को यह याद दिलाना है कि भारत का तिरंगा यूं ही नहीं लहराता—इसके पीछे लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी है।
निष्कर्ष
यह प्रतीकात्मक तिरंगा यात्रा बीकानेर के नागरिकों में देशभक्ति की भावना को सशक्त करने वाला आयोजन साबित हुई। न कोई पार्टी का झंडा, न कोई राजनीतिक भाषण—सिर्फ तिरंगा और उससे जुड़ी गर्व की भावना। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है कि देश की आजादी और उसकी प्रतीकों की असली कीमत क्या है।