केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) की संरचना में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत वर्तमान में मौजूद चार प्रमुख टैक्स स्लैब में से 12% और 28% स्लैब को हटाने की योजना है। सूत्रों के अनुसार, केवल 5% और 18% स्लैब को बरकरार रखा जाएगा, जिससे कर प्रणाली को सरल बनाने और उपभोग को प्रोत्साहन देने की उम्मीद है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि:
-
12% स्लैब में शामिल लगभग 99% वस्तुओं को 5% स्लैब में स्थानांतरित किया जाएगा।
-
28% स्लैब में शामिल 90% वस्तुएं 18% स्लैब में लाई जाएंगी।
- Advertisement -
-
इससे दैनिक उपभोग की वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं और घरेलू खपत में वृद्धि हो सकती है।
हालांकि, विलासिता और सिन गुड्स जैसे तंबाकू, गुटखा और सिगरेट पर 40% की विशेष दर लागू की जाएगी। इस श्रेणी में केवल 5 से 7 वस्तुएं शामिल होंगी, जबकि रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और वॉशिंग मशीन जैसी आकांक्षी वस्तुएं इससे बाहर रहेंगी।
पेट्रोलियम उत्पाद अभी भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखे जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, इस नई व्यवस्था में कुल कराधान दर 88% पर बनी रहेगी। सरकार को विश्वास है कि कर दरों में कमी के बावजूद उपभोग में वृद्धि से राजस्व की भरपाई हो सकेगी।
पीएम मोदी का ‘डबल दिवाली’ वादा
15 अगस्त 2025 के स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन जीएसटी सुधारों को “डबल दिवाली” का तोहफा बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम आम लोगों और एमएसएमई सेक्टर के लिए कर का बोझ कम करेगा और देश में व्यापारिक माहौल को सरल बनाएगा।
साथ ही, पीएम मोदी ने कुछ अन्य बड़ी घोषणाएं भी कीं:
-
अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स की स्थापना।
-
ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्रीय गहरे समुद्र अन्वेषण मिशन।
-
2035 तक स्वदेशी सुदर्शन चक्र रक्षा प्रणाली के विकास का संकल्प।
इस जीएसटी प्रस्ताव को अब जीएसटी काउंसिल की मंजूरी का इंतजार है। अगर इसे मंजूरी मिलती है, तो यह भारत की कर व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार साबित हो सकता है।