राजस्थान में, सरकारी और निजी स्कूलों के साथ-साथ मदरसों और सैनिक स्कूलों के शिक्षकों की लापरवाही के कारण 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों की प्रगति रिपोर्ट यू-डाइस पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रही है। इस देरी के कारण कॉलेज स्तर का डेटा भी पोर्टल पर दर्ज नहीं हो पा रहा है।
शिक्षकों को 31 जुलाई तक विद्यार्थियों की प्रगति रिपोर्ट अपलोड करनी थी, लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हुआ है। इसके परिणामस्वरूप, शिक्षा विभाग ने अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अगस्त कर दी है और चेतावनी दी है कि इस बार काम पूरा न होने पर स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राज्य में कुल 1 लाख 6 हज़ार 190 स्कूलों में से केवल 25 हज़ार 986 स्कूलों ने ही इस दिशा में काम शुरू किया है। 80 हज़ार से अधिक स्कूलों ने तो पोर्टल का इस्तेमाल ही नहीं किया। 5 अगस्त तक पूरे राज्य में केवल 24.47% काम ही पूरा हो पाया था।
यू-डाइस पोर्टल विद्यार्थियों की शैक्षणिक जानकारी को एक जगह संकलित करने के लिए बनाया गया है। इसमें विद्यार्थी के ‘अपार’ नंबर के जरिए उनकी 12वीं तक की शिक्षा और अंकों का प्रतिशत देखा जा सकता है। भविष्य में इसी डेटा में कॉलेज और अन्य शैक्षणिक जानकारी भी जोड़ी जाएगी, जिससे नौकरी के लिए आवेदन करते समय दस्तावेजों का सत्यापन आसान हो जाएगा।
यह समस्या यशराज और कोमल जैसे कई विद्यार्थियों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। यशराज ने 10वीं कक्षा पास कर ली है और अब 11वीं में पढ़ रहा है, लेकिन पोर्टल पर अभी भी उसे 10वीं का विद्यार्थी दिखाया जा रहा है। इसी तरह, कोमल ने 12वीं पास कर कॉलेज में दाखिला ले लिया है, लेकिन पोर्टल पर वह अभी भी 12वीं में ही दिख रही है, क्योंकि शिक्षकों ने उसकी प्रगति रिपोर्ट अपडेट नहीं की है।
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समग्र शिक्षा के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, कृष्ण कुमार विश्नोई, के अनुसार, प्रवेशोत्सव और हरियालो राजस्थान जैसे अभियानों के कारण शिक्षकों को समय नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि अब प्राचार्यों को इस कार्य को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।