


अमेरिकी टैरिफ के बाद भारत में आर्थिक आपातकाल? जानिए वायरल दावे की सच्चाई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर एक सनसनीखेज दावा वायरल हो रहा है कि भारत सरकार ने “आर्थिक आपातकाल” घोषित कर दिया है। यह दावा खासतौर पर पाकिस्तान से चलाए जा रहे कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा फैलाया जा रहा है। उनका कहना है कि मोदी सरकार अमेरिकी फैसले से घबरा गई है और भारत का 60 बिलियन डॉलर का बाजार अब खतरे में है।
हालांकि, भारत सरकार की आधिकारिक एजेंसी PIB (प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो) ने इस दावे को पूरी तरह फर्जी और भ्रामक करार दिया है। PIB ने स्पष्ट किया कि भारत में किसी भी प्रकार का आर्थिक आपातकाल घोषित नहीं किया गया है। PIB ने नागरिकों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत और आधिकारिक स्त्रोतों से ही खबरों पर भरोसा करें।
क्या है अमेरिकी टैरिफ विवाद?
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के कुछ उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 7 अगस्त से लागू होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर हो सकता है, खासकर निर्यात क्षेत्र पर। लेकिन यह कहना कि इससे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह संकट में आ गई है, यह अतिशयोक्ति है।
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पाकिस्तान फैला रहा है भ्रम
वायरल दावे के पीछे पाकिस्तानी सोशल मीडिया नेटवर्क का हाथ बताया जा रहा है, जो भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमजोर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका दावा है कि भारत ने आर्थिक आपातकाल लगा दिया है, जबकि इसकी कोई सच्चाई नहीं है।

भारत का रुख क्या है?
ANI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा। अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत ने कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा। भारत की तेल कंपनियां रूस से खरीद जारी रखेंगी। इसके साथ ही भारत अमेरिका से भी व्यापारिक बातचीत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि 25% टैरिफ भारत के लिए चुनौती है, लेकिन यह कोई नई या अभूतपूर्व स्थिति नहीं है। भारत को रणनीतिक रूप से इस स्थिति से निपटना होगा और अमेरिका के साथ एक नई ट्रेड डील की दिशा में बातचीत को आगे बढ़ाना होगा। अनुमान है कि अक्टूबर तक कोई समझौता हो सकता है।
निष्कर्ष
भारत में आर्थिक आपातकाल लगाने का दावा पूरी तरह झूठा और भ्रामक है। यह एक सोशल मीडिया प्रोपेगेंडा है जिसे PIB ने खारिज कर दिया है। भारत सरकार ने अब तक कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया है जो आपातकाल जैसी स्थिति को दर्शाता हो। नागरिकों को सतर्क रहने और केवल सत्यापित सूचनाओं पर भरोसा करने की आवश्यकता है।