


जयपुर। बिजली उपभोक्ताओं के लिए केंद्र सरकार ने स्मार्ट मीटर से जुड़ी सब्सिडी व्यवस्था में बड़ी राहत दी है। पहले स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में एक्टिव करना जरूरी था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
अब सब्सिडी मिलेगी दो चरणों में:
केंद्र सरकार स्मार्ट मीटर पर 900 रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी दे रही है।
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इसमें से दो-तिहाई राशि (करीब 331 करोड़ रुपए) अब मीटर लगने के बाद तुरंत ही दे दी जाएगी, चाहे उपभोक्ता मीटर को प्रीपेड कराए या नहीं।
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शेष एक-तिहाई राशि (165 करोड़ रुपए) तभी मिलेगी, जब उपभोक्ता प्रीपेड मोड में ट्रांजिशन कर लेंगे।
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इस व्यवस्था से उपभोक्ताओं को “पहले पैसे दो, फिर बिजली लो” की अनिवार्यता से अस्थायी राहत मिल गई है।
मीटर लागत और योजना का आंकलन:
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एक मीटर की औसत लागत: ₹7500 से ₹9000 के बीच
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इसमें सिंगल फेज, थ्री फेज और एचटी सहित सभी श्रेणियां शामिल हैं
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केंद्र सरकार कुल 496 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने जा रही है
काम की धीमी रफ्तार, नोटिस थमाया गया
राजस्थान में 1.43 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है, जिस पर 14,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
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अब तक 18 लाख मीटर लगने चाहिए थे, लेकिन लगे सिर्फ 4.25 लाख
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धीमी प्रगति को देखते हुए, डिस्कॉम प्रबंधन ने स्मार्ट मीटर लगाने वाली जीनस कंपनी को नोटिस थमा दिया है
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चेतावनी दी गई है कि तीन महीने में सुधार नहीं हुआ तो कंपनी का टेंडर रद्द कर दिया जाएगा
डिस्कॉमवार स्मार्ट मीटर प्रगति (छवि से):
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जयपुर: 47.63 लाख मीटर का लक्ष्य, 2.13 लाख लगे
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अजमेर: 54.32 लाख लक्ष्य, 1.57 लाख लगे
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जोधपुर: 40.80 लाख लक्ष्य, 0.55 लाख लगे
देशभर में कहां कितने स्मार्ट मीटर लगे?
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उत्तर प्रदेश: सबसे आगे – 32.81 लाख मीटर
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महाराष्ट्र: 50 लाख का लक्ष्य, 50 लाख से अधिक लग चुके
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राजस्थान: लक्ष्य – 1.43 करोड़, लगे सिर्फ 4.25 लाख
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बिहार, मध्यप्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में भी राजस्थान से बेहतर प्रगति
निष्कर्ष:
स्मार्ट मीटर परियोजना में जहां केंद्र सरकार ने सब्सिडी की नीति में लचीलापन दिखाया है, वहीं राज्य में इसके क्रियान्वयन की धीमी गति चिंता का विषय बनी हुई है। सरकार अब कंपनियों पर दबाव बनाकर गति तेज करने की तैयारी में है।