

आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2025 है। आयकर विभाग ने आईटीआर फॉर्म-1, 2, 3 और 4 के लिए एक्सेल यूटिलिटी जारी कर दी है। इन फॉर्मों का सही तरीके से भरना बेहद जरूरी है, क्योंकि गलतियां करने से आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है और जुर्माना भी लग सकता है। आईटीआर भरते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. सही फॉर्म का चयन करें
अगर आपने शेयर बेचकर 1.25 लाख रुपये से अधिक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस अर्जित किया है या विदेश में खाता है, तो आपको आईटीआर-1 की बजाय आईटीआर-2 फॉर्म भरना होगा। गलत फॉर्म का चयन आपके रिटर्न को डिफेक्टिव बना सकता है, जिससे दिक्कत हो सकती है।
2. कमाई के सभी स्रोत का खुलासा करें
आपकी कमाई चाहे छोटी हो या बड़ी, उसे आयकर रिटर्न में पूरी तरह से दर्शाना जरूरी है। अगर आप किसी भी स्रोत से कमाई छिपाते हैं, तो आयकर विभाग उसे पकड़ सकता है और जुर्माना लगा सकता है। जैसे, बचत खाते का ब्याज, किराया, या शेयर बाजार से डिविडेंड इनकम, सबकी जानकारी सही तरीके से देनी चाहिए।
3. फॉर्म-26एएस और एआईएस की जांच करें
रिटर्न भरने से पहले फॉर्म-26एएस और एआईएस की जानकारी जांच लें। इन फॉर्म्स में आपकी आय, टीडीएस और बड़े लेन-देन की जानकारी होती है। यदि इनमें कोई गड़बड़ी हो, तो उसे सही कराएं। जानकारी में अंतर होने पर आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है।
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4. बिना प्रमाण के छूट का दावा न करें
धारा-80सी, 80डी, या अन्य छूट का दावा करने से पहले उसके लिए प्रमाणपत्र होना जरूरी है। उदाहरण के लिए, बच्चों की स्कूल फीस, बीमा प्रीमियम या मेडिकल इंश्योरेंस के लिए छूट तभी ली जा सकती है, जब आपके पास इनसे संबंधित वैध दस्तावेज हों। बिना प्रमाण के दावा करने पर जांच में परेशानी हो सकती है।

5. नौकरी बदलने पर आय की जानकारी छुपाएं नहीं
यदि आपने किसी वित्तीय वर्ष में नौकरी बदली है, तो दोनों नियोक्ताओं से मिली आय को आईटीआर में दर्शाना जरूरी है। पुराने नियोक्ता से जुड़ी कोई भी आय या टीडीएस की जानकारी छुपाने से आयकर विभाग को नोटिस भेजा जा सकता है। एआईएस में आपकी सारी आय का विवरण होता है, इसीलिए इसे छिपाना न करें।
6. 30 दिनों में रिटर्न सत्यापित करें
रिटर्न भरने के बाद उसे 30 दिनों के अंदर सत्यापित करना अनिवार्य है। सत्यापन आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग या डाक से भेजकर किया जा सकता है। अगर आप सत्यापन नहीं करते हैं तो रिटर्न को अमान्य माना जाएगा और जुर्माना हो सकता है।
इन सभी बिंदुओं का ध्यान रखते हुए आप बिना किसी परेशानी के अपना आयकर रिटर्न भर सकते हैं और जुर्माने से बच सकते हैं।