

भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला: ट्रांसमिशन लाइनों पर किसानों को अब मिलेगा 400% मुआवजा
राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में एक और बड़ा निर्णय लेते हुए ट्रांसमिशन लाइनों से प्रभावित जमीन पर मिलने वाले मुआवजे की राशि में चार गुना तक बढ़ोतरी की है। अब राज्य में 400 केवी व उससे अधिक वोल्टेज की ट्रांसमिशन लाइनों के टावर या पथाधिकार (ROW) से प्रभावित भूमि पर किसानों को पहले से दोगुने के अतिरिक्त और 200%, कुल 400% मुआवजा मिलेगा।
यह निर्णय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर की पहल पर लिया गया है। ऊर्जा विभाग ने मुआवजा नीति को संशोधित कर इसे सरल और पारदर्शी बनाया है। नई संशोधित नीति राज्यभर में 8 नवंबर 2024 से लागू मानी जाएगी।
क्या होगा नया मुआवजा नियम
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टावर के आधार क्षेत्र के लिए अब डीएलसी दरों पर देय 200% के अतिरिक्त 200% और मुआवजा मिलेगा, यानी कुल 400%।
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यह आधार क्षेत्र टावर के चारों पैरों से घिरे भूतल के हिस्से के साथ प्रत्येक तरफ 1 मीटर अतिरिक्त क्षेत्र को भी सम्मिलित करेगा।
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पथाधिकार कॉरिडोर (ROW) के लिए भी अलग-अलग क्षेत्रों में मुआवजा तय किया गया है:
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ग्रामीण क्षेत्रों में: भूमि मूल्य का 30%
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नगर पालिका व अन्य शहरी नियोजन क्षेत्र: भूमि मूल्य का 45%
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नगर निगम/महानगरीय क्षेत्र: भूमि मूल्य का 60%
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किन पर लागू होगी यह नीति?
यह संशोधित नीति अब 132 केवी व उससे अधिक क्षमता की ट्रांसमिशन लाइन बनाने वाले सभी संस्थानों पर लागू होगी, जिनमें शामिल हैं:
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पावर ग्रिड कॉरपोरेशन
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राज्य सरकार के विभाग
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सभी निजी कंपनियां
यह नीति अंतर राज्यीय और अंतः राज्यीय, दोनों प्रकार की ट्रांसमिशन लाइनों पर लागू की जाएगी।
सरकार के इस फैसले से राजस्थान के हजारों किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी और भूमि अधिग्रहण को लेकर जारी विवादों में भी कमी आने की संभावना है। यह कदम किसानों को उनकी भूमि का उचित मूल्य दिलाने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।