

सिविल सेवा में असफल? अब निजी क्षेत्र में मिलेगी नौकरी, UPSC की नई पहल शुरू
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने उन अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है जो सिविल सेवा परीक्षा की अंतिम सूची में स्थान नहीं बना पाते, लेकिन उनकी मेहनत और योग्यता पर कोई संदेह नहीं होता। अब ऐसे उम्मीदवारों को निजी क्षेत्र में रोजगार पाने का अवसर मिलेगा। UPSC ने ‘पब्लिक डिस्क्लोजर स्कीम’ (PDS) के तहत चयन प्रक्रिया में अंतिम चरण तक पहुंचे अभ्यर्थियों की जानकारी निजी कंपनियों के साथ साझा करनी शुरू की है।
‘प्रतिभा सेतु’ पोर्टल से होगा सीधा जुड़ाव
इस योजना के अंतर्गत एक विशेष पोर्टल ‘प्रतिभा सेतु’ की शुरुआत की गई है। इस पोर्टल पर उन उम्मीदवारों का डाटा उपलब्ध है जो UPSC की विभिन्न परीक्षाओं—जैसे सिविल सेवा, इंजीनियरिंग सेवा, भारतीय वन सेवा, सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स, कंबाइंड मेडिकल सर्विस और जियो-साइंटिस्ट परीक्षा—के लिखित चरण में सफल हुए थे लेकिन इंटरव्यू के बाद अंतिम सूची में नहीं आ सके।
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पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी में उम्मीदवारों का नाम, शैक्षणिक पृष्ठभूमि, विषय, और संपर्क विवरण शामिल हैं। निजी कंपनियां इन सूचनाओं के आधार पर अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उम्मीदवारों को जॉब ऑफर दे सकती हैं।
हर साल लाखों होते हैं बाहर, अब मिलेगा विकल्प
UPSC हर साल करीब 6,400 अभ्यर्थियों का चयन करता है, जबकि लाखों उम्मीदवार पूरी मेहनत से परीक्षा देते हैं और बहुत से लिखित परीक्षा पास करने के बाद भी इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाते। अब ये योग्य उम्मीदवार बिना समय गंवाए निजी कंपनियों में अच्छे पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे।

सुरक्षा और गोपनीयता का ध्यान
UPSC ने इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि जानकारी का दुरुपयोग न हो। किसी भी कंपनी या संगठन को केवल नौकरी से जुड़ी योग्यता की जांच के लिए ही इस पोर्टल का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। साथ ही, उम्मीदवारों की जानकारी तभी साझा की जाएगी जब वे खुद इस योजना में शामिल होने की अनुमति देंगे।
योग्यता और विषय के अनुसार ढूंढ सकेंगी कंपनियां
पोर्टल इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया है कि कंपनियां अपनी आवश्यकता के अनुसार उम्मीदवारों को फिल्टर कर सकें। जैसे—अगर किसी कंपनी को अर्थशास्त्र में पोस्टग्रेजुएट या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले अभ्यर्थी चाहिए, तो वे आसानी से ऐसे प्रोफाइल खोज सकेंगी।
UPSC का उद्देश्य
इस पहल के पीछे UPSC का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश की प्रतिभा व्यर्थ न जाए। एक अधिकारी ने कहा, “सिविल सेवा में चयन न होना असफलता नहीं है। ऐसे अभ्यर्थी कई बार बेहद योग्य होते हैं। हमारा प्रयास है कि उन्हें एक वैकल्पिक मंच मिले और वे समाज और देश के विकास में योगदान दे सकें।”