

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, बीकानेर ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए रैगिंग पर पूर्णतः रोक लगाने के लिए व्यापक उपाय किए हैं। कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक, डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय, एन.एम.सी. नई दिल्ली, राज्य सरकार और राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर के निर्देशों का पालन करते हुए रैगिंग विरोधी उपायों के तहत आठ समितियों और प्रकोष्ठों का गठन किया गया है।
इनमें प्रमुख रूप से रैगिंग विरोधी समिति, रैगिंग विरोधी दल, परामर्श प्रकोष्ठ, मार्गदर्शन प्रकोष्ठ, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक समिति, खेल-कूद समिति, नव-प्रवेशित एवं वरिष्ठ विद्यार्थियों में परिचय हेतु समिति और रैगिंग विरोधी छात्र समिति शामिल हैं। रैगिंग विरोधी समिति की अध्यक्षता डॉ. गुंजन सोनी करेंगे, जबकि डॉ. नीति शर्मा को इसका संयोजक नियुक्त किया गया है।
समिति में शैक्षणिक अधिकारी डॉ. गौरव शर्मा, जिला प्रशासन से रमेश देव (अतिरिक्त जिला कलेक्टर, नगर), जिला पुलिस प्रशासन से विशाल जांगीड़ (आईपीएस, वृत्त अधिकारी, थाना सदर), डॉ. रेखा आचार्य, सीनियर प्रोफेसर डॉ. बी.के. बीनावरा, डॉ. डी.पी. सोनी, अन्य चिकित्सक शिक्षक, छात्र प्रतिनिधि, अभिभावक, मीडिया प्रतिनिधि और एनजीओ शामिल हैं। छात्रों की सुविधा के लिए समिति के सदस्यों के मोबाइल नंबर उन्हें उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि वे किसी भी परेशानी में सीधे संपर्क कर सकें।
रैगिंग विरोधी दल में डॉ. निधि चितलंगिया, डॉ. भागीरथ राम बिश्नोई और डॉ. सुरेंद्र कुमार जीनगर को सुपरवाइजर के तौर पर नियुक्त किया गया है, जिसमें 24 चिकित्सक शिक्षक सदस्य के रूप में शामिल हैं। यह दल कॉलेज परिसर और आसपास के क्षेत्रों में नियमित निगरानी रखेगा।
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इसके अतिरिक्त, परामर्श प्रकोष्ठ के चीफ काउंसलर डॉ. हरफूल सिंह, मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के कॉर्डिनेटर डॉ. जसकरण सिंह, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक समिति के कॉर्डिनेटर डॉ. विवेक सामोर, खेल-कूद समिति के कॉर्डिनेटर डॉ. अभिषेक बिनानी, नव-प्रवेशित एवं वरिष्ठ विद्यार्थियों में परिचय समिति की कॉर्डिनेटर डॉ. सुमिता तंवर, और रैगिंग विरोधी छात्र समिति के सुपरवाइजर के रूप में छात्र श्री भीमसेन शर्मा और सुश्री दिव्या चाहर को नियुक्त किया गया है।
इन समितियों का मुख्य उद्देश्य फ्रेशर्स और वरिष्ठ छात्रों के बीच स्वस्थ संवाद, काउंसलिंग और उचित मार्गदर्शन को बढ़ावा देना है। कॉलेज प्रशासन ने सभी कर्मचारियों, अधिकारियों, कैंटीन/मैस कर्मियों और अनुबंधित चौकीदारों को रैगिंग की किसी भी घटना की तत्काल सूचना प्रशासन को देने के निर्देश दिए हैं।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देशों के अनुसार, सभी एमबीबीएस छात्रों को रैगिंग में शामिल न होने का वार्षिक अभिकथन प्रस्तुत करना होगा। कॉलेज प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि रैगिंग जैसे गंभीर अपराध में शामिल पाए जाने पर एन.एम.सी. के एंटी-रैगिंग विनियमों के तहत कठोर दंड का प्रावधान है, जिसकी विस्तृत जानकारी छात्रों को प्रदान की गई है। यह पहल कॉलेज परिसर को रैगिंग-मुक्त और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।