Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Reading: ‘बेवजह साथ रहना बढ़ाता मानसिक शोषण’–SC की ऐतिहासिक तलाक टिप्पणियाँ
Share
Aa
Aa
Khabar21
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Search
  • होम
  • बीकानेर
  • राजस्थान
  • देश-दुनिया
  • व्यापार
  • मनोरंजन
  • धार्मिक
  • करियर
  • खेल
Follow US
Khabar21 > Blog > देश-दुनिया > ‘बेवजह साथ रहना बढ़ाता मानसिक शोषण’–SC की ऐतिहासिक तलाक टिप्पणियाँ
देश-दुनिया

‘बेवजह साथ रहना बढ़ाता मानसिक शोषण’–SC की ऐतिहासिक तलाक टिप्पणियाँ

editor
editor Published July 17, 2025
Last updated: 2025/07/17 at 2:18 PM
Share
SHARE
Share News

सुप्रीम कोर्ट ने कहा—जब साथ न चल सके, तो तलाक है बेहतर विकल्प

Contents
 सुप्रीम कोर्ट की पांच ऐतिहासिक टिप्पणियाँ तलाक मामलों में: निष्कर्ष:

सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के एक मामले में स्पष्ट कहा कि अगर पति-पत्नी एक छत के नीचे साथ नहीं रहना चाहते, तो ऐसे मामलों में तलाक की स्वीकृति दे देनी चाहिए। कोर्ट ने यह भी जोर दिया कि “खराब विवाह को जबरन चलाना मानसिक पीड़ा को बढ़ावा देता है”, इसलिए तलाक ही बेहतर विकल्प है।

इस फैसले में न्यायालय ने विक्रम नाथ और संदीप मेहता की याचिका सुनी। पति की ओर से तलाक का अनुरोध था, जबकि पत्नी इसका विरोध कर रही थी। करीब 16 साल चली शादी के एक वर्ष बाद दंपत्ति अलग रहने लगे थे और मध्यस्थता विफल हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के अंतर्गत तलाक मंजूर कर दिया।


 सुप्रीम कोर्ट की पांच ऐतिहासिक टिप्पणियाँ तलाक मामलों में:

  1. “जबरन साथ रहने से होती है मानसिक पीड़ा”
    सर्वोच्च न्यायालय ने कहा—जब समाजजोड़ का कोई प्रयास सफल न हो, तब तलाक की स्वीकृति देना उचित है।

    - Advertisement -
  2. “जासूसी तक पहुंचा रिश्ता, समझें टूट चुका है”
    हालिया फैसले में जस्टिस नागरत्ना व जस्टिस शर्मा ने कहा कि बिना जानकारी की कॉल रिकॉर्डिंग तलाक में पर्याप्त सबूत मानी जा सकती है।

  3. “शादी टूटना जीवन का अंत नहीं”
    फरवरी 2025 में कोर्ट ने 2020 की शादी को भंग करते हुए कहा—लड़की और लड़के दोनों एक नए जीवन की शुरुआत कर सकते हैं।

  4. “महिला को मिली गुजारा भत्ता की जीत”
    अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने एक विद्वतापूर्ण फैसला सुनाया—इस्लामी रीत से हुई दूसरी शादी में पत्नी को 4 हजार रुपए मासिक भत्ता दिया जाए, शरीया कोर्ट का तलाक अमान्य घोषित किया।

  5. “5 करोड़ रुपए एकमुश्त गुजारा भत्ता”
    2024 में कोर्ट ने एक ऐसे तलाक मामले में आदेश दिया जिसमें दंपत्ति 20 साल तक अलग रहने के बाद शादी टूट चुकी थी—कोर्ट ने पत्नी को 5 करोड़ रुपये एकमुश्त गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया।


 निष्कर्ष:

सुप्रीम कोर्ट के ये पांच फैसले तलाक कानून के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं। कोर्ट ने बार-बार स्पष्ट किया कि केवल सामाजिक दबाव या मानदंड की पूर्ति के लिए विवाह को बनाए रखना मानसिक तनाव बढ़ा सकता है। जब मध्यस्थता विफल हो चुकी हो और रिश्ते में सम्मान या विश्वास न बचा हो, तो न्यायिक सहयोग से तलाक को सकारात्मक, मानव-केंद्रित, और भविष्य उन्मुख समाधान के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।


Share News

editor July 17, 2025
Share this Article
Facebook TwitterEmail Print

Latest Post

बीकानेर मेडिकल कॉलेज में बैंकिंग सेवाओं की कमी, हो रही असुविधा
बीकानेर
संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग, महासंघ ने अधिकारियों से की मुलाकात
बीकानेर
बीकानेर में आकाशीय बिजली से 20 भेड़ों की मौत
बीकानेर
राजस्थान में पहली बार खाजूवाला से जैसलमेर तक बिछेगी सीधी रेल लाइन
बीकानेर राजनीति
जयपुर में शाह बोले—एसआईटी ने पेपर लीक माफिया को कड़ा संदेश
राजनीति राजस्थान
सिंथेसिस की श्री गोस्वामी का बिट्स मेें हुआ चयन
बीकानेर शिक्षा
नगेन्द्र किराड़ू करेंगे साहित्य अकादमी की राष्ट्रीय अनुवाद कार्यशाला में भागीदारी
बीकानेर राजस्थान
बिना तलाक के महिला की कर दी दूसरी शादी, पति ने दर्ज कराया केस
बीकानेर

You Might Also Like

देश-दुनिया

मरने के बाद भी स्टेज पर लौटेंगे सिद्धू मूसेवाला, जानिए कैसे

Published July 17, 2025
देश-दुनिया

देशभर में चलेगा मतदाता सूची का विशेष शुद्धिकरण अभियान

Published July 17, 2025
देश-दुनिया

पाकिस्तान ने LoC के पास हवाई सीमा की बंद, सैन्य अभ्यास या जंग की तैयारी?

Published July 16, 2025
देश-दुनिया

कनाडा में छोटे विमान का हाईजैक, वैंकूवर एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी

Published July 16, 2025

© Copyright 2022, All Rights Reserved Khabar21 | Designed by Uddan Promotions Pvt. Ltd.

Join WhatsApp Group

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?