

देशभर में चलेगा मतदाता सूची का विशेष शुद्धिकरण अभियान, चुनाव आयोग ने दी मंजूरी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले देशभर में मतदाता सूची को सटीक और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग ने एक विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision – SIR) शुरू करने का निर्णय लिया है। बिहार में सीमांचल जैसे इलाकों में हाल ही में विदेशी नागरिकों के नाम सूची में पाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) को निर्देश जारी किए हैं कि वे इस अभियान की पूरी तैयारी करें और अंतिम पुनरीक्षित मतदाता सूची आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक करें।
क्यों जरूरी है यह अभियान?
देश में पिछली बार इस स्तर का विशेष पुनरीक्षण दो दशक पहले हुआ था। तब से जनसंख्या, प्रवास और नागरिकता संबंधी स्थितियां काफी बदल चुकी हैं। ऐसे में मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाना आवश्यक हो गया है।
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SIR अभियान के प्रमुख उद्देश्य:
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मृत मतदाताओं के नाम हटाना: ऐसे वोटरों के नाम सूची से हटाए जाएंगे जो अब जीवित नहीं हैं।
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नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना: जिनकी आयु 18 वर्ष हो चुकी है, उन्हें सूची में जोड़ा जाएगा।
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गलत या अपूर्ण विवरण में सुधार: नाम, पता या अन्य जानकारी में यदि कोई गलती है तो उसे सुधारा जाएगा।
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डुप्लीकेट नाम हटाना: एक ही व्यक्ति का नाम अगर एक से अधिक बार है तो उसे हटाया जाएगा।
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स्थायी रूप से बाहर गए लोगों के नाम हटाना: जो मतदाता अब उस क्षेत्र में नहीं रहते, उनके नाम हटाए जाएंगे।
राज्यों में तैयारियां
राजस्थान:
यहां 2002 के बाद पहली बार विशेष पुनरीक्षण होगा।
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2002 के बाद जुड़े मतदाताओं को दस्तावेज दिखाकर नाम जुड़वाना होगा।
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2002 से पहले के मतदाताओं को सिर्फ निर्धारित फॉर्म भरना होगा।
अन्य राज्य:
दिल्ली में आखिरी विशेष पुनरीक्षण 2008 में हुआ था, उत्तराखंड में 2006 में। अब इन राज्यों में भी चरणबद्ध तरीके से SIR अभियान चलेगा।
चुनावी राज्यों पर विशेष फोकस
चुनाव आयोग उन राज्यों में विशेष ध्यान दे रहा है, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। ये राज्य हैं:

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पश्चिम बंगाल
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असम
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केरल
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पुडुचेरी
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तमिलनाडु
यहां मतदाता सूची को प्राथमिकता के आधार पर पुनरीक्षित किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर अभियान की आवश्यकता
चुनाव आयोग चाहता है कि मतदाता सूचियां पूरी तरह त्रुटिरहित, पारदर्शी और अद्यतित हों ताकि:
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गैर-नागरिकों को बाहर रखा जाए
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फर्जी वोटिंग पर रोक लगे
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राजनीतिक दलों का भरोसा मजबूत हो
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नए मतदाताओं का पंजीकरण सुगम हो
इसके तहत बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाएंगे और उन्हें सूची में जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी करेंगे।
चुनाव आयोग का यह कदम देश में लोकतंत्र की बुनियादी प्रक्रिया को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।