

हनुमान बेनीवाल के धरने से पहले प्रशासन सख्त, नागौर में 8 अगस्त तक निषेधाज्ञा लागू
नागौर। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में नागौर के पशु प्रदर्शनी स्थल पर प्रस्तावित जन आक्रोश रैली और अनिश्चितकालीन धरने से पहले जिला प्रशासन ने कड़े सुरक्षा प्रबंध लागू कर दिए हैं। कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने 8 अगस्त 2025 तक सार्वजनिक आयोजनों, रैली, सभा और जुलूस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
यह प्रतिबंध सर्किट हाउस से कलेक्ट्रेट, रेलवे चौराहे से एसपी ऑफिस, कोर्ट परिसर और नकाश गेट सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में लागू रहेगा। आदेश में धार्मिक आयोजन, विवाह और शव यात्रा को छूट दी गई है।
रैली की जिम्मेदारी नारायण बेनीवाल को सौंपी गई
हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर रैली में अधिक से अधिक लोगों को शामिल होने का आह्वान किया है। पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल को आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि इंदिरा देवी बावरी कई गांवों में जनसंपर्क कर रही हैं। बारिश के मौसम को देखते हुए धरना स्थल पर वाटरप्रूफ डोम भी लगाया गया है।
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रैली के मुख्य मुद्दे
रैली के दौरान रेलवे अधिग्रहण में अनियमितताएं, थार एक्सप्रेसवे का गलत सर्वेक्षण, नागौर की बिगड़ती कानून व्यवस्था, बजरी माफिया, सीमेंट व सोलर कंपनियों की मनमानी, सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार, फसल बीमा योजना में क्लेम की देरी जैसे कई मुद्दे उठाए जाएंगे।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि यह रैली जनता के हक और अधिकार की आवाज बुलंद करने का मंच होगी और प्रशासन द्वारा धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू करना लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने प्रशासन पर लोकतांत्रिक आवाज को दबाने का आरोप लगाया।

कलेक्टर का पक्ष: कानून व्यवस्था खतरे में
जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने कहा कि रैली के दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है, इसलिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। इस दौरान न तो कोई हथियार लेकर घूम सकेगा, न ही उत्तेजक भाषण, नारेबाजी, या लाउडस्पीकर का उपयोग किया जा सकेगा। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर विशेष प्रतिबंध रहेगा।
सोशल मीडिया पर भी भड़काऊ पोस्ट या वीडियो साझा करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि रैली में केवल पूर्व निर्धारित लोगों को ही प्रवेश मिलेगा। यदि अनियंत्रित भीड़ जमा होती है, तो आमजन और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है, जिससे शांति व्यवस्था भंग होने का खतरा रहेगा।
निष्कर्ष
जनता की आवाज उठाने के लिए हनुमान बेनीवाल जहां तैयारी में जुटे हैं, वहीं प्रशासन संभावित अव्यवस्था को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहा है। अब देखना होगा कि इस टकराव के बीच रैली कैसे संपन्न होती है और लोकतांत्रिक सीमाएं किस तरह बनी रहती हैं।