

मोबाइल पर आई APK फाइल खोलते ही हो सकता है बड़ा साइबर फ्रॉड, पुलिस की चेतावनी
इंटरनेट के इस युग में साइबर ठग लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में आम नागरिकों को सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है। राजस्थान पुलिस के डीएसपी धरम पूनिया ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को साइबर फ्रॉड से सतर्क रहने की सलाह दी है।
APK फाइल से हो सकता है मोबाइल और बैंक अकाउंट हैक
डीएसपी पूनिया ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि साइबर ठग अब “apk फाइल” के जरिए लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। खासकर एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) खाताधारकों को निशाना बनाते हुए फर्जी मैसेज भेजे जा रहे हैं, जिनमें आधार अपडेट न होने का हवाला देकर apk फाइल भेजी जाती है।
इस फाइल को व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भेजा जाता है। जैसे ही व्यक्ति इस फाइल को डाउनलोड और इंस्टॉल करता है, उसके मोबाइल का नियंत्रण साइबर ठगों के हाथ में चला जाता है। इसके बाद मोबाइल में मौजूद बैंकिंग ऐप्स, पर्सनल डेटा और ओटीपी तक एक्सेस कर लिया जाता है, जिससे व्यक्ति का बैंक अकाउंट खाली हो सकता है।
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लोगों से अपील: कोई भी अनजान फाइल न खोलें
डीएसपी पूनिया ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान लिंक या apk फाइल को मोबाइल पर ओपन न करें, भले ही वह किसी जान-पहचान वाले नंबर से ही क्यों न आई हो। साइबर ठग अब नंबर भी स्पूफ करके भेजते हैं, जिससे वे असली प्रतीत होते हैं।

फर्जी मैसेज का एक उदाहरण:
“आपका एसबीआई खाता आधार से लिंक नहीं है। तुरंत अपडेट करने के लिए इस लिंक से ऐप डाउनलोड करें।”
ऐसे संदेशों से दूर रहें और आधिकारिक वेबसाइट या बैंक की शाखा से ही जानकारी प्राप्त करें।
क्या करें अगर फाइल खोल ली हो?
अगर किसी ने गलती से इस तरह की फाइल खोल ली है या एप्लिकेशन इंस्टॉल कर ली है, तो तुरंत मोबाइल को फ्लाइट मोड में डालें, बैंक को सूचित करें और नजदीकी साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं।
निष्कर्ष:
साइबर फ्रॉड अब तकनीकी रूप से अधिक उन्नत हो गया है। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह डिजिटल सतर्कता बनाए रखे और किसी भी अनजान लिंक, फाइल या ऐप को मोबाइल में खोलने से पहले दस बार सोचें। सतर्कता ही सुरक्षा है।