

जयपुर पेट्रोल पंप पर QR कोड से 16 लाख की ठगी, साइबर सेल कर रही जांच
राजस्थान की राजधानी जयपुर में पहली बार पेट्रोल पंप पर क्यूआर कोड के जरिए बड़े स्तर पर वित्तीय धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यह मामला शिवदासपुरा थाना क्षेत्र के रामचंद्रपुरा गांव स्थित एसआर फिलिंग स्टेशन का है, जहां पंप मालिक सुरेश कुमार मीना ने 5 कर्मचारियों पर 16,55,214 रुपये की गबन और डिजिटल ठगी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है।
कैसे हुआ QR कोड के जरिए गबन?
पंप मालिक सुरेश मीना के अनुसार, पंप पर पेटीएम के जरिए ग्राहकों से भुगतान लिया जाता था, जो सीधे उनके बैंक खाते में जमा होना चाहिए था। लेकिन पंप पर कार्यरत कर्मचारियों ने सुनियोजित तरीके से अपने-अपने निजी क्यूआर कोड वहां लगा दिए। ग्राहक पेट्रोल-डीजल का भुगतान करते रहे, लेकिन वह राशि मालिक के बजाय कर्मचारियों के खातों में जाती रही।
फर्जी ट्रांजैक्शन, कम नकद जमा
इस पूरी ठगी की अवधि 28 मार्च 2025 से 13 जून 2025 के बीच की बताई गई है। इस दौरान कर्मचारियों ने कई बार नकद राशि भी कम जमा की और शेष राशि को अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया। इतना ही नहीं, पेट्रोल-डीजल का वास्तविक वितरण किए बिना फर्जी ट्रांजैक्शन भी दर्ज किए गए।
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बैंक खाता फ्रीज, वित्तीय रिकॉर्ड गड़बड़ाए
इन अनियमितताओं के चलते पेट्रोल पंप का वित्तीय संतुलन बिगड़ गया और 13 जून को पंप का बैंक खाता भी फ्रीज कर दिया गया। पंप मालिक को तब पूरे गबन का पता चला और उन्होंने तुरंत संबंधित थाना और साइबर सेल को इसकी सूचना दी।

इन कर्मचारियों पर लगे हैं आरोप
पंप मालिक ने जिन कर्मचारियों पर आरोप लगाए हैं, उनमें रधु सिंह, विजय सिंह, जय सिंह, अरविंद कुमार मीना और संजय गहलोत शामिल हैं। मालिक का कहना है कि यह पूरी ठगी एक सुनियोजित साजिश के तहत अंजाम दी गई और रोजाना नकद राशि को कम दिखाकर QR कोड के जरिए लाखों रुपये की ठगी की गई।
पुलिस और साइबर सेल की जांच जारी
शिवदासपुरा थाना पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की नई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए साइबर सेल की मदद से डिजिटल ट्रांजैक्शनों की गहन जांच की जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है।
यह पहली बार हुआ मामला
जयपुर में पेट्रोल पंप पर QR कोड के जरिए ठगी का यह पहला मामला है, जिसने पेट्रोलियम व्यवसाय में डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस का कहना है कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए पेट्रोल पंप मालिकों को सतर्क रहने और डिजिटल मोड में लेनदेन की नियमित जांच करते रहने की जरूरत है।