

बीकानेर: सोलर कंपनियां पेड़ काटें तो 10 गुना लगाएं, इको सिस्टम ना बिगड़े – संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा
बीकानेर। सोलर एनर्जी के बढ़ते प्रोजेक्ट्स के बीच अब पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रशासन सक्रिय हो गया है। संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा ने शनिवार को सख्त लहजे में निर्देश दिए कि सोलर प्लांट कंपनियां इस तरह कार्य करें कि विकास भी हो और पर्यावरण संतुलन भी बना रहे। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध पेड़ों की कटाई से भविष्य में गंभीर विपरीत परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
सोलर कंपनियों को दिया बड़ा निर्देश
मीणा ने संभागीय आयुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में कहा कि कंपनियां जितने पेड़ काटें, उसकी तुलना में 5 से 10 गुना अधिक पेड़ लगाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई खेत सोलर प्रोजेक्ट के कारण रास्ते से कट गया है, तो 251 आरटी एक्ट के तहत वैकल्पिक रास्ता जरूर दिया जाए।
अवैध आरा मशीनों पर सख्ती के संकेत
उन्होंने आशंका जताई कि पेड़ों की कटाई के कारण अवैध आरा मशीनें सक्रिय हो सकती हैं। इसलिए सभी तहसीलों में संचालित आरा मशीनों की सूची राजस्व अधिकारियों से मंगवाकर अवैध गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए।
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सीएसआर फंड का सामाजिक कार्यों में उपयोग हो
मीणा ने सोलर कंपनियों से यह भी कहा कि वे अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड का इस्तेमाल स्थानीय सामाजिक कार्यों में करें, जैसे स्कूलों की मरम्मत, पेयजल की व्यवस्था, पौधारोपण आदि।

बैठक में उठे पेड़ रिलोकेशन के मुद्दे
बैठक में कुछ कंपनियों द्वारा पेड़ों को स्थानांतरित (रिलोकेट) करने की अनुमति को लेकर चर्चा की गई। इस पर संभागीय आयुक्त ने स्पष्ट किया कि यदि तकनीकी रूप से संभव हो तो पेड़ों को काटने के बजाय रिलोकेट किया जाए।
उपस्थित रहे जिलेभर के अधिकारी
इस अहम बैठक में जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त जसवंत सिंह, एडीएम प्रशासन रामावतार कुमावत, एडीएम सिटी रमेश देव के अलावा बीकानेर, पूगल, खाजूवाला, छत्तरगढ़, लूणकरणसर, नोखा, कोलायत, बज्जू और डूंगरगढ़ तहसीलों के एसडीएम, तहसीलदार एवं सोलर प्लांट्स की विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
निष्कर्ष
संभागीय आयुक्त का यह स्पष्ट संदेश है कि विकास की रफ्तार के साथ पर्यावरण की कीमत नहीं चुकाई जाएगी। अब देखना यह होगा कि कंपनियां इन निर्देशों का कितनी गंभीरता से पालन करती हैं।