राजस्थान की जनता के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। भजनलाल शर्मा सरकार ने अन्नपूर्णा भंडार योजना में बड़ा बदलाव करते हुए खाद्य सामग्री की दरों को लेकर नई व्यवस्था लागू की है। अब इन भंडारों पर महंगी दरों पर सामान नहीं बेचा जाएगा।
प्रदेश की लगभग 5 हजार राशन दुकानों पर संचालित अन्नपूर्णा भंडारों में पहले केवल कुछ ही फर्मों की ओर से तय की गई दरें लागू होती थीं, जिससे उपभोक्ताओं को अपेक्षा से अधिक कीमत चुकानी पड़ रही थी। अब सरकार ने व्यवस्था में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए नई फर्मों को आमंत्रित किया है। इससे कीमतें बाजार दर के करीब रहेंगी और आमजन को सस्ती दरों पर सामान उपलब्ध हो सकेगा।
हर माह होगी बाजार दरों की समीक्षा
अब निगम के अधिकारी हर महीने बाजार की दरों का मूल्यांकन करेंगे। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ रिटेल स्टोर्स और नेफेड की दरों की तुलना कर तय किया जाएगा कि किस फर्म की सामग्री अन्नपूर्णा भंडार पर रखी जाएगी। यदि किसी फर्म की दरें बाजार से अधिक होंगी, तो उसकी सप्लाई उस महीने के लिए रोकी जा सकती है।
दरें तय करने के लिए अधिकारियों की ड्यूटी तय
इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए विभिन्न क्षेत्रों से अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है:
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शिल्पा पंवार – उपहार डिपार्टमेंटल स्टोर, जयपुर
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अनिल गोयल – शहरी क्षेत्र
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लोकेश तसेरा – ग्रामीण क्षेत्र
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शैलेन्द्र सिंह और अनीता मीणा – रिटेल स्टोर्स
29 जुलाई को खुलेंगे नए टेंडर
निगम के प्रबंध निदेशक राजेन्द्र कुमार वर्मा के अनुसार, यह योजना राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार लागू की जा रही है। नई फर्मों के टेंडर 29 जुलाई को खोले जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में डीलरों की मांग के अनुसार ही सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
इस बदलाव से उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है और अन्नपूर्णा भंडार योजना अपने वास्तविक उद्देश्य के करीब पहुंच सकेगी।