


बीकानेर में ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना’ की रफ्तार धीमी, वेंडर्स बोले— अफसरशाही बनी बाधा
बीकानेर। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत बीकानेर जिले के पंजीकृत सोलर वेंडर्स की एक अहम बैठक मंगलवार को मंगलम होटल परिसर में संपन्न हुई। बैठक का उद्देश्य योजना के धरातलीय क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं पर मंथन करना था।
बैठक में शामिल वेंडर्स ने आरोप लगाया कि बीकेईएसएल (BESKL) की उदासीनता और लापरवाह कार्यशैली के कारण योजना की गति रुक गई है। उपभोक्ता महीनों तक सोलर कनेक्शन का इंतजार कर रहे हैं।
मुख्य समस्याएं जिन पर चर्चा हुई:
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मीटर और केबल की कमी: कई मामलों में केवल केबल बदलने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी कार्य रोका जा रहा है।
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अधिकारियों की असहयोगात्मक मानसिकता: फाइलें बेवजह रोकी जा रही हैं, जिम्मेदारी से बचा जा रहा है।
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अनावश्यक नियम: बीकानेर में दो सोलर मीटर की अनिवार्यता थोप दी गई है, जबकि अन्य जिलों में एक मीटर से ही काम चल रहा है। यह तकनीकी रूप से भी अव्यवहारिक और उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक बोझ है।
वेंडर्स ने इसे बीकानेर के साथ भेदभावपूर्ण नीति करार देते हुए तत्काल सुधार की मांग की।
आगे की रणनीति:
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस बैठक का प्रतिवेदन जिला कलेक्टर, संभागीय आयुक्त, जनप्रतिनिधियों, ऊर्जा मंत्रालय और जेडीवीवीएनएल के उच्च अधिकारियों को सौंपा जाएगा, ताकि योजना को फिर से गति मिल सके।
सोलर फ्रॉड पर भी चिंता
बैठक के दौरान DCR सोलर मोड्यूल के नाम पर गैर-DCR उत्पादों की बिक्री पर भी नाराजगी जताई गई। उपभोक्ताओं को गुमराह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठी और जनजागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लिया गया।
इस मौके पर डॉक्टर शरद दत्ता आचार्य, नीरज गहलोत, किशन राठी, हेमंत शर्मा, अशोक जोशी, अमन वर्मा, मनीष ओझा, योगेश व्यास सहित कई वेंडर्स मौजूद रहे। डॉक्टर चंद्रशेखर श्रीमाली ने सभी वेंडर्स को एकजुट होकर संगठन के तहत कार्य करने की प्रेरणा दी।
यह बैठक बीकानेर के सोलर व्यवसायियों की संयुक्त आवाज है, जिनका लक्ष्य प्रधानमंत्री की जनहितकारी योजना को धरातल पर सफल बनाना है।