


भ्रष्टाचार रोकने वाली एसीबी का अफसर ही रिश्वत में पकड़ा गया
राजस्थान में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाली एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के अफसर ही अब खुद सवालों के घेरे में हैं। शुक्रवार को एसीबी ने जयपुर के शिवदासपुरा में अपनी ही टीम के एडिशनल एसपी जगराम मीणा को लाखों की नकदी के साथ रंगे हाथों पकड़ा।
एसीबी सूत्रों के मुताबिक, जगराम मीणा को शिवदासपुरा टोल प्लाजा पर जांच के दौरान रोका गया, जहां उसकी कार से 9.35 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। इसके बाद जगतपुरा स्थित उनके आवास की तलाशी में और 40 लाख रुपये की नकदी मिली।
जगराम मीणा एसीबी की भीलवाड़ा चौकी में तैनात थे और दो दिन पहले ही उनका तबादला झालावाड़ से हुआ था। वह पिछले दो महीने से विजिलेंस विंग के रडार पर थे और पहले भी दो बार कार्रवाई की भनक लगने के चलते बच निकले थे।
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एसीबी डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि उन्हें पुख्ता सूचना मिली थी कि जगराम मीणा शुक्रवार शाम को वसूली की रकम लेकर निकलने वाला है। डीआईजी राजेश सिंह के पर्यवेक्षण में आधा दर्जन टीमें अलर्ट पर रखी गई थीं। जैसे ही मीणा की कार शिवदासपुरा टोल पर पहुंची, तलाशी ली गई और 9.35 लाख रुपये कैश बरामद हुआ। पूछताछ में वह इस नकदी के स्रोत का स्पष्ट जवाब नहीं दे सका।
एसीबी की प्राथमिक जांच में सामने आया कि मीणा परिवहन, खनन, आबकारी और पुलिस विभाग से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों से अवैध वसूली करता था। जब भी वह रकम लेने जाता, तो या तो खुद की प्राइवेट गाड़ी चलाकर जाता या फिर सरकारी वाहन में ड्राइवर के साथ।
इससे पहले भी एसीबी ने 19 मई को एएसपी सुरेंद्र शर्मा को रिश्वत के आरोप में जयपुर से गिरफ्तार किया था। लगातार सामने आ रही इस तरह की घटनाएं न सिर्फ एसीबी की साख पर सवाल खड़े कर रही हैं, बल्कि यह भी संकेत दे रही हैं कि जांच एजेंसी के भीतर ही सफाई की जरूरत है।