


नई दिल्ली। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों के लिए एक नई चेतावनी सामने आई है। विशेषज्ञों ने क्रेडिट साइक्लिंग को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। यह प्रक्रिया दिखने में सुविधाजनक लग सकती है, लेकिन इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर और वित्तीय विश्वसनीयता पर पड़ सकता है।
क्या है क्रेडिट साइक्लिंग?
क्रेडिट साइक्लिंग तब होता है जब कोई यूजर अपनी क्रेडिट लिमिट तक खर्च करता है, फिर तुरंत भुगतान कर देता है, ताकि वह दोबारा उसी लिमिट के अंदर खर्च कर सके। यह व्यवहार कुछ लोगों के लिए एक रणनीति की तरह होता है जिससे वे रिवॉर्ड्स या कैशबैक कमा सकें, लेकिन बार-बार ऐसा करना जोखिम भरा साबित हो सकता है।
क्यों है यह खतरनाक?
विशेषज्ञ बताते हैं कि क्रेडिट लिमिट के बार-बार अधिक उपयोग से क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। क्रेडिट स्कोर में एक अहम कारक होती है क्रेडिट उपयोगिता दर (Credit Utilization Ratio), जो यह दर्शाती है कि आप अपनी उपलब्ध क्रेडिट का कितना प्रतिशत इस्तेमाल कर रहे हैं। यदि यह दर लगातार 30% से ऊपर रहती है, तो यह आपके स्कोर को नुकसान पहुंचा सकती है।
कंपनियों की नजर में संदिग्ध व्यवहार
क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां इस व्यवहार को संभावित वित्तीय जोखिम या नीतियों के उल्लंघन के रूप में देख सकती हैं। कई बार इसे मनी लॉन्ड्रिंग जैसी अवैध गतिविधियों से भी जोड़ा जा सकता है, जिससे आपकी वित्तीय विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है।
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संभावित दंड और अतिरिक्त शुल्क
क्रेडिट लिमिट के बार-बार पास पहुंचने या पार करने पर कार्डधारक को ओवर-लिमिट शुल्क, ब्याज दर में वृद्धि, या यहां तक कि खाता बंद होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अनजाने में हुए मासिक शुल्क या सब्सक्रिप्शन चार्ज भी लिमिट को पार कर सकते हैं।
इससे बचने के उपाय
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि यदि आपकी क्रेडिट लिमिट पर्याप्त नहीं है, तो आप निम्न विकल्प अपना सकते हैं:

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अपने कार्ड प्रदाता से क्रेडिट लिमिट बढ़ाने की मांग करें।
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एक नया क्रेडिट कार्ड आवेदन करें ताकि कुल लिमिट बढ़ सके।
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खर्च को विभिन्न कार्डों में विभाजित करें।
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प्रत्येक बिलिंग साइकिल में एक बार की बजाय दो बार भुगतान करें, ताकि उपयोगिता दर कम रहे।
निष्कर्ष:
क्रेडिट साइक्लिंग कभी-कभार करने में कोई बड़ी समस्या नहीं होती, लेकिन इसे आदत बना लेना आपकी वित्तीय सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। बेहतर होगा कि आप अपने खर्च और भुगतान की योजना स्मार्ट तरीके से बनाएं और क्रेडिट स्कोर की रक्षा करें।