


अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट, क्या हैं इसके कारण?
अडानी ग्रुप, जो भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट समूहों में से एक है, हाल के दिनों में गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2025 के दौरान समूह की कुल मार्केट कैपिटल में लगभग 21% की गिरावट आई है, जिससे करीब 3.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इस गिरावट के प्रमुख कारणों में अमेरिकी जांच एजेंसियों द्वारा लगाए गए आरोप, ईरान से एलपीजी आयात की खबरें, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, और केन्या में एक महत्वपूर्ण कॉन्ट्रैक्ट रद्द होने जैसे घटनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने समूह की छवि को और भी नुकसान पहुंचाया है।

अडानी ग्रुप की कंपनियों जैसे अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स, अंबुजा सीमेंट्स, और अडानी पावर के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, अडानी ग्रुप के लिए कुछ सकारात्मक घटनाक्रम भी हुए हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है और कुछ नई परियोजनाओं की शुरुआत हुई है।
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विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निवेश से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।