


राजस्थान में तेज गर्मी और लू के चलते हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। बीते सोमवार को श्रीगंगानगर देश का सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 47.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भीषण गर्मी के कारण लोगों को घरों में ही रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। दिन के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है, जैसे मानो अघोषित कर्फ्यू लगा हो।
प्रदेश के कई इलाकों में भी तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया है। बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, फलोदी और कोटा में भीषण गर्मी ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक राहत की कोई उम्मीद नहीं है।
श्रीगंगानगर में 13 जून तक हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है, जबकि हनुमानगढ़, चूरू, जैसलमेर, बीकानेर और कोटा में भी 12 जून तक भीषण लू की आशंका है। जयपुर और कोटा जैसे शहरी क्षेत्रों में भी अधिकतम तापमान 45 डिग्री के आसपास बना रह सकता है।
कोटा में पिछले 24 घंटे में लू से दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। प्रशासन ने लोगों को दिन के समय घरों में रहने और आवश्यक सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है।
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मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, श्रीगंगानगर में पिछले एक दशक का सबसे अधिक तापमान 49.1 डिग्री सेल्सियस (1 जून 2018) रिकॉर्ड किया गया था। इस वर्ष भी यह शहर तापमान के रिकॉर्ड के करीब पहुंच गया है।
सोमवार को विभिन्न शहरों में तापमान इस प्रकार दर्ज हुआ:
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श्रीगंगानगर: 47.3°C
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बीकानेर: 45.8°C
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चूरू: 45.6°C
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जैसलमेर: 45.3°C
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फलोदी: 45.2°C
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कोटा: 45.4°C
सूरज की तपिश से हालात इतने खराब हैं कि सूर्यास्त के बाद भी गर्म हवाओं का असर बना रहता है। लोग राहत के लिए कूलर, एसी और छांव का सहारा ले रहे हैं, लेकिन गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
हालांकि, मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि अगले 48 घंटों में राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्के बादल और आंशिक बारिश से गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है। हरियाणा और उत्तर-पश्चिम राजस्थान में बनने वाले साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के कारण तापमान में थोड़ी गिरावट संभावित है।