


PoK के लोग भारत से जुड़ेंगे, ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनाथ सिंह का बड़ा संकेत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि PoK के लोग भारतीय परिवार का हिस्सा हैं और वे जल्द ही स्वेच्छा से भारत की मुख्यधारा में लौटेंगे। यह बयान दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान सामने आया, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के बाद के घटनाक्रमों से जोड़ा जा रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि PoK के हमारे भाई-बहन, जो आज भौगोलिक और राजनीतिक रूप से हमसे अलग हैं, वे अपनी आत्मा की आवाज पर भारत से जुड़ेंगे। वह दिन दूर नहीं जब PoK खुद कहेगा—‘मैं भारत हूं, मैं वापस आ गया हूं।’”
PoK के लोगों से भावनात्मक जुड़ाव
उन्होंने यह भी कहा कि PoK के अधिकतर लोग भारत से गहरा भावनात्मक और सांस्कृतिक रिश्ता महसूस करते हैं। भारत उन्हें आज भी अपने परिवार का हिस्सा मानता है और देश को पूरा भरोसा है कि वे सम्मान और स्वाभिमान के साथ लौटेंगे।
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ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
हालांकि रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सीधे जानकारी नहीं दी, लेकिन माना जा रहा है कि यह बयान उसी के संदर्भ में दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर भारत की एक रणनीतिक पहल हो सकती है, जिसका उद्देश्य PoK में भारत के प्रति भरोसे को मजबूत करना और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना है।

पाकिस्तान को स्वीकार करना होगा सच्चाई
मार्च 2025 में भी राजनाथ सिंह ने इसी विषय पर बयान देते हुए कहा था कि PoK के लोग खुद भारत में शामिल होने की मांग करेंगे और पाकिस्तान को इस सच्चाई को स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि PoK की वापसी के लिए भारत को पाकिस्तान की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
भारत की रणनीति और भविष्य की दिशा
इस बयान के माध्यम से भारत ने फिर एक बार स्पष्ट कर दिया है कि PoK को वह अपने अभिन्न हिस्से के रूप में देखता है। रक्षा मंत्री ने यह संकेत दिया कि आने वाले समय में भारत इस दिशा में और ठोस कदम उठा सकता है। यह बयान न केवल कूटनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि बदलते क्षेत्रीय जनमत और सामाजिक-राजनीतिक घटनाक्रमों की ओर भी इशारा करता है।
चर्चा में आया बयान
राजनाथ सिंह के इस बयान ने राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में गहन चर्चा छेड़ दी है। विशेषज्ञ इसे भारत की विदेश नीति की दृढ़ता और PoK को लेकर संवेदनशील दृष्टिकोण का संकेत मान रहे हैं। सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में भी इस बयान को व्यापक कवरेज मिल रहा है।
निष्कर्ष
भारत सरकार का यह रुख स्पष्ट है कि PoK भारत का अभिन्न अंग है और वहां के लोगों को भारत से जोड़ना न केवल संवैधानिक जिम्मेदारी है, बल्कि एक भावनात्मक कर्तव्य भी। आने वाले समय में भारत की रणनीतिक सक्रियता इस दिशा में और तेज हो सकती है, जिसका असर क्षेत्रीय राजनीति और वैश्विक विमर्श पर भी पड़ेगा।