


राजस्थान में सभी 190 शहरी निकायों के चुनाव एक साथ, जानें प्रक्रिया और तारीखें
जयपुर। राजस्थान में पहली बार सभी 190 शहरी स्थानीय निकायों (Urban Local Bodies – ULBs) के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी शुरू हो गई है। स्थानीय स्वशासन विभाग (LSG) ने राज्य सरकार के निर्देश पर 15 नवंबर से 15 दिसंबर 2025 के बीच चुनाव संपन्न कराने का प्रारंभिक खाका तैयार किया है। यह कदम ‘एक राज्य, एक चुनाव’ मॉडल की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।
LSG मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जानकारी दी कि राज्य सरकार इस वर्ष के अंत तक सभी नगर निकायों में नए बोर्ड गठित करना चाहती है। इसके लिए मतदान और मतगणना की प्रक्रिया 15 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी। मतदान की तिथियों को अंतिम रूप देना राज्य चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में होगा।
पुनर्सीमांकन और मतदाता सूची संशोधन
चुनाव की तैयारी कई चरणों में पूरी की जाएगी। सबसे पहले जून तक सभी नगर निकायों में पुनर्सीमांकन (परिसीमन) की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके तहत शहरी क्षेत्रों की जनसंख्या और भौगोलिक विस्तार के आधार पर वार्डों का पुनर्गठन किया जाएगा। इसके बाद मतदाता सूची का संशोधन किया जाएगा, ताकि प्रत्येक नागरिक का नाम सही तरीके से दर्ज हो।
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आरक्षण प्रक्रिया: सितंबर में लॉटरी
आरक्षण की प्रक्रिया सितंबर में पूरी की जाएगी। जिला कलेक्टरेट स्तर पर लॉटरी के माध्यम से यह तय किया जाएगा कि कौन से महापौर और पार्षद पद अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। लॉटरी प्रणाली पारदर्शी तरीके से आरक्षण सुनिश्चित करेगी, जिससे सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।

LSG विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “लॉटरी प्रणाली न केवल वर्ग विशेष के लिए आरक्षित पदों को निर्धारित करेगी, बल्कि महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों को भी तय करेगी। इससे चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और समावेशी बनेगी।”
उम्मीदवारों की घोषणा लॉटरी प्रक्रिया के बाद
राजनीतिक दलों द्वारा अपने उम्मीदवारों की घोषणा सितंबर के बाद की जाएगी, जब आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। चुनाव की तारीखें तय होते ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो जाएंगी। राज्य सरकार चाहती है कि यह चुनाव प्रक्रिया सभी जनसांख्यिकीय वर्गों को समान अवसर और प्रतिनिधित्व देने वाली हो।
निष्कर्ष
राजस्थान में शहरी शासन को सुदृढ़ और उत्तरदायी बनाने के लिए यह चुनाव प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी नगर निकायों के चुनाव एक साथ कराना प्रशासनिक दृष्टि से एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा, लेकिन इससे प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। आने वाले महीनों में राज्य भर में चुनावी सरगर्मियां तेज होने की पूरी संभावना है।