


मणिपुर में राष्ट्रपति शासन खत्म होने की संभावना, बीजेपी ने पेश किया सरकार बनाने का दावा
मणिपुर में फरवरी 2025 से लागू राष्ट्रपति शासन जल्द खत्म हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व में विधायकों के एक समूह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
बीजेपी विधायक थोकचोम राधेश्याम सिंह की अगुवाई में बुधवार को 10 विधायक इंफाल स्थित राजभवन पहुंचे। इनमें 8 विधायक बीजेपी के, 1 नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) से और 1 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि उन्हें कुल 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। मणिपुर विधानसभा की कुल 60 सीटों में बहुमत के लिए 31 सीटें जरूरी होती हैं।
बीजेपी का तर्क: अब लोकप्रिय सरकार की जरूरत
विधायक राधेश्याम सिंह ने कहा,
“हमने राज्यपाल को 44 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है। अब समय है कि राज्य में फिर से एक लोकतांत्रिक सरकार स्थापित हो। राष्ट्रपति शासन केवल आपातकालीन स्थिति के लिए होता है और उसे लंबे समय तक जारी नहीं रहना चाहिए।”
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नए सिरे से सरकार गठन की उम्मीद
निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह ने कहा कि राज्य में शांति और स्थिरता के लिए एक चुनी हुई सरकार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों की सहमति के दस्तावेज राज्यपाल को सौंपे जा चुके हैं।
पहले भी की गई थी पहल
इससे पहले फरवरी में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद, 21 विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर जल्द सरकार बनाने की अपील की थी। उस पत्र पर 13 बीजेपी, 3 NPP और 2 निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर थे।
पृष्ठभूमि: क्यों हुआ था राष्ट्रपति शासन?
पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2025 को इस्तीफा दे दिया था। यह निर्णय मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष, और बीजेपी में नए मुख्यमंत्री को लेकर आम सहमति न बनने की वजह से लिया गया था। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था।