


NDA बैठक में PM मोदी की नसीहत, नेताओं को फालतू बयानबाजी से बचने को कहा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की अहम बैठक हुई। बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि सार्वजनिक जीवन में मर्यादित भाषा जरूरी है और हर मुद्दे पर बयान देना आवश्यक नहीं। उन्होंने पार्टी नेताओं को अनावश्यक और विवादित बयानों से बचने की सलाह दी।
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी की यह टिप्पणी हाल ही में कुछ नेताओं द्वारा पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की गई विवादित टिप्पणियों के संदर्भ में थी। उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान होता है।
सशस्त्र बलों और ऑपरेशन सिंदूर की सराहना
बैठक में NDA नेताओं ने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के पराक्रम और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए प्रस्ताव पारित किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी वरिष्ठ नेता बैठक में उपस्थित रहे।
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जाति जनगणना और सामाजिक समावेश पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने जातिगत जनगणना पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हाशिए पर पड़े वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ना है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी स्पष्ट किया कि पार्टी जातिगत राजनीति नहीं करती, बल्कि वंचित और जरूरतमंद वर्गों को सशक्त बनाने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं।

नक्सलवाद पर केंद्र और राज्यों की साझा रणनीति
बैठक में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों पर भी चर्चा हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अभियान की रणनीति साझा की और बताया कि किस प्रकार राज्यों और केंद्र की संयुक्त कार्रवाई से नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाई जा रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इस दिशा में मिली प्रगति की जानकारी दी।
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर विशेष अभियान
जेपी नड्डा ने घोषणा की कि 25-26 जून को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर NDA जनता को उस दौर की सच्चाई बताएगा और लोकतंत्र की रक्षा के अपने संकल्प को दोहराएगा।
बैठक में शामिल हुए 38 मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री
इस बैठक में 20 मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सुशासन की दिशा में अपनाई गई प्रमुख योजनाओं की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति पर भी विचार किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के समापन पर सभी नेताओं से आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय लक्ष्यों से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए एकजुट होकर काम करें और जनसेवा को प्राथमिकता दें।