


धर्मगुरुओं के साथ जिला प्रशासन की विशेष बैठक, सहयोग व सतर्कता का आह्वान
जिला प्रभारी सचिव एवं शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने शनिवार को शहरी क्षेत्र के प्रमुख धर्मगुरुओं के साथ विशेष बैठक की। बैठक का उद्देश्य वर्तमान संवेदनशील परिस्थितियों में सामाजिक समरसता बनाए रखना और धार्मिक संस्थानों से आवश्यक सहयोग प्राप्त करना रहा।
प्रभारी सचिव ने धर्मगुरुओं से कहा कि उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे अपने अनुयायियों को शासन की गाइडलाइन का पूर्ण पालन कराने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने आग्रह किया कि धार्मिक स्थलों पर अनावश्यक भीड़ एकत्र न हो और रात्रि में इन स्थानों की लाइटें बंद रहें।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में धार्मिक स्थलों के पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग आमजन को जागरूक करने के लिए किया जा सकता है।
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प्रभारी सचिव ने यह भी अनुरोध किया कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक विवाह और अन्य आयोजनों को स्थगित करने की अपील अनुयायियों से की जाए। सायं 7 बजे के बाद कोई भी सामूहिक गतिविधि न हो, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए।

उन्होंने संदेहास्पद लोगों पर नजर रखने, अफवाहों से बचने और समाज को भ्रामक सूचनाओं से सतर्क करने के लिए भी धर्मगुरुओं की भागीदारी की अपेक्षा जताई।
जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने कहा कि प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों की अनुपालन में कोई कोताही न हो। उन्होंने अपील की कि आमजन रात्रि 7 बजे के बाद घरों की लाइटें बंद करें और बाहर निकलने से परहेज करें। दुकानदारों से स्वप्रेरित होकर दुकानें बंद रखने की भी अपील की गई।
बैठक में पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सागर, नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष, बीकानेर विकास प्राधिकरण आयुक्त अपर्णा गुप्ता, जिला परिषद सीईओ सोहन लाल, एडीएम (प्रशासन) रामावतार कुमावत सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
धर्मगुरुओं में आनंद आश्रम के रामपाल रामस्नेही, ब्रह्म गायत्री सेवा आश्रम के श्री रामेश्वरानंद महाराज, श्री संतोषानंद महाराज, जेवीसीसी गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी रवींद्र सिंह, शंगारा सिंह, कैथोलिक चर्च के फादर संदीप थॉमस, शाही इमाम मोहम्मद असगर फरीदी, गुरुद्वारा रानीबाजार के सुखदेव सिंह व बलविंदर सिंह, नागणेचीजी मंदिर के सुरेश सेवग समेत कई अन्य धर्मगुरु भी बैठक में शामिल हुए।