


ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजस्थान बॉर्डर सील, सरहदी गांवों में सख्त पहरा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के करीब 15 दिन बाद, मंगलवार देर रात भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एयरस्ट्राइक कर आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इसके तुरंत बाद राजस्थान की भारत-पाकिस्तान सीमा को पूरी तरह सील कर दिया गया है और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया है।
बुधवार सुबह से ही सेना की इस कार्रवाई की चर्चा हर तरफ रही। सीमावर्ती जिलों बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर और जोधपुर के गांवों में लोगों ने इस कार्रवाई को पाकिस्तान को करारा जवाब बताते हुए पटाखे फोड़े और सेना की सराहना की।
बीएसएफ और सेना की टीमें हाई अलर्ट पर हैं। सीमा से लगे गांवों जैसे गडरारोड, अकली, खाजूवाला, बज्जू, रावलामंडी, सूरतगढ़, हिंदूमलकोट, करड़ा, मोहनगढ़, सोनू, नाचना, झालूवाला, नोख और फलोदी में सुरक्षा बलों ने निगरानी तेज कर दी है।
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जोधपुर में ब्लैकआउट और सीमा पर चौकसी
जोधपुर शहर में बुधवार रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक ब्लैकआउट किया गया। वहीं फलोदी के नोख और मादासर जैसे गांवों में पुलिस, बीएसएफ और आर्मी के जवान पूरी मुस्तैदी से डटे हैं। ग्रामीणों को सुरक्षा और सतर्कता को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
200 किमी बॉर्डर सील, बढ़ाई गई निगरानी
श्रीगंगानगर जिले में रावलामंडी से हिंदूमलकोट तक लगभग 200 किलोमीटर की सीमा को पूरी तरह सील कर दिया गया है। बीएसएफ के जवान चौकियों पर पारियों में गश्त कर रहे हैं। पाकिस्तान की ओर से हलचल को देखते हुए सुरक्षा बलों ने सतर्कता और बढ़ा दी है।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने जीरो लाइन से काफी पीछे अपनी तैयारियां कर ली हैं और कुछ स्थानों पर मिट्टी के बंध बनाकर गतिविधियों को छिपाने की कोशिश की है।
बाड़मेर बॉर्डर पर पाक रेंजर्स की गश्त
बाड़मेर के आखिरी गांव अकली से पाकिस्तान की सीमा स्पष्ट नजर आती है। यहां पाक रेंजर्स तारबंदी के पास गश्त करते देखे गए, वहीं भारतीय सीमा पर बीएसएफ तैनात है।
मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा है, और गडरारोड कस्बे में भी लोग सतर्कता बरत रहे हैं। यह कस्बा आसपास के करीब 100 गांवों के लिए प्रमुख केंद्र है।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के साथ ग्रामीणों में भी विश्वास और सहयोग का माहौल देखा गया है।